कलेक्टर ने प्रत्येक किसान का एग्रीस्टेक पंजीयन सुनिश्चित करने तथा धान खरीदी में पूर्ण पारदर्शिता रखने के दिए निर्देश
मुंगेली। आगामी धान उपार्जन सीजन 2025-26 की तैयारियों एवं एग्रीस्टेक पंजीयन की प्रगति की समीक्षा के लिए कलेक्टर कुन्दन कुमार की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में समिति प्रबंधकों एवं संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि धान खरीदी से पूर्व सभी उपार्जन केंद्रों में चेकलिस्ट के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक केंद्र पर बायोमेट्रिक डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक तराजू, नमी मापक यंत्र तथा सुरक्षा व्यवस्था की पूर्ण तैयारी सुनिश्चित की जाए। उपार्जन केंद्रों का चयन समतल भूमि पर हो तथा पानी निकासी की उचित व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए।
कलेक्टर ने खरीदी प्रक्रिया में जीरो शॉर्टेज नीति पर जोर देते हुए कहा कि बाहरी धान की खरीदी हर हाल में रोकी जाए। खरीदे गए धान के भंडारण, सुरक्षा और रिकॉर्ड के अद्यतन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा पाण्डेय तिवारी अपर कलेक्टर जी.एल. यादव सहायक आयुक्त सहकारिता हितेश श्रीवास खाद्य अधिकारी हुलेश डड़सेना जिला विपणन अधिकारी मनोज यादव सीसीबी नोडल अधिकारी संतोष सिंह सहित सभी समितियों के प्रबंधक उपस्थित रहे।
धान खरीदी में पारदर्शिता और जीरो शॉर्टेज पर जोर

जिले में इस वर्ष 66 समितियों के माध्यम से 105 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की जाएगी। कलेक्टर ने समिति प्रभारियों को अपनी वित्तीय स्थिति दुरुस्त रखने और लेखा-जोखा अद्यतन करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि खरीदी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जबकि बेहतर कार्य करने वाली समितियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, एकीकृत किसान पोर्टल में कैरी फॉरवर्ड कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
एग्रीस्टेक ,किसानों के लिए डिजिटल पहचान
बैठक में एग्रीस्टेक पंजीयन को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर ने बताया कि एग्रीस्टेक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल पहचान पत्र है, जिससे उन्हें अब राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित कार्यों के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
एग्रीस्टेक के माध्यम से प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट पहचान फार्मर आईडी प्राप्त होगी जिसके जरिए खेती-किसानी से जुड़ी सभी योजनाओं का एकीकृत लाभ उन्हें मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक सुनिश्चित किया जाए ताकि कोई भी पात्र किसान वंचित न रहे।
अपर कलेक्टर जी.एल. यादव ने बताया कि फार्मर आईडी के माध्यम से भूमि की दोहरी प्रविष्टि या दुरुपयोग की संभावना समाप्त होगी जिससे शासन की योजनाओं में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहेगी।

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