कब तक पुलिस ही आबकारी का काम करती रहेगी?
खेत-खलिहान से लेकर हाट-बाज़ार तक शराब आसानी से मिल जाती है,आख़िर कौन है जिमेदार
बिलासपुर। आबकारी विभाग ने 36 लीटर अवैध शराब ज़ब्त की और इसे बड़ी उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ़ इतनी कार्रवाई से अवैध शराब का कारोबार रुक गया? जवाब है ,नहीं
गाँव-गाँव में आज भी खुलेआम अवैध शराब बिक रही है। लोग बता रहे हैं कि खेत-खलिहान से लेकर हाट-बाज़ार तक शराब आसानी से मिल जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि जहाँ कार्रवाई आबकारी विभाग को करनी चाहिए वहाँ पुलिस दबिश देकर विभाग का काम कर रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि आबकारी विभाग सिर्फ़ दिखावटी छापे मारता है और छोटे पैमाने की ज़ब्ती पर प्रचार करता है। जबकि असली शराब माफ़िया सुरक्षित हैं और रोज़ाना मोटी कमाई कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि अगर गाँवों में शराब खुलेआम बिक रही है, तो आबकारी विभाग की भूमिका क्या है? या महज़ 36 लीटर शराब पकड़कर विभाग अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ ले?

कब तक पुलिस ही आबकारी का काम करती रहेगी?
लोगों की नाराज़गी साफ है छोटी कार्रवाई का ढोल पीटना बंद करिए और असली शराब कारोबारियों पर शिकंजा कसिए। वरना यह धंधा गाँवों की सेहत और समाज दोनों को बर्बाद करता रहेगा।

प्रधान संपादक

