कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जल संकट की गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि अब भी सावधानी नहीं बरती तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है
बिलासपुर।श्री श्री 1008 महाराजा अग्रसेन जयंती 2025 की शुरुआत रविवार को अग्रसेन सभा भवन में हर्षोल्लास के साथ हुई। इस बार आयोजन केवल धार्मिक पर्व तक सीमित न रहकर समाजसेवा और जागरूकता अभियान के रूप में सामने आया है। जयंती का मुख्य आवरण जल है तो कल है रखा गया, जिसके तहत 22 सितंबर तक जल और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जल संकट की गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि बिलासपुर में हाल ही में खुदवाए गए 50 बोरवेल में से 42 फेल हो गए। यह साफ संकेत है कि भूजल तेजी से खत्म हो रहा है। यदि हमने अब भी सावधानी नहीं बरती तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है।

उन्होंने उद्योगों और कृषि में वर्षा जल के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की। साथ ही कहा कि जल संसाधनों को रिचार्ज करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने राजस्थान का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां जलस्तर 500-600 फीट नीचे चला गया है जिसके कारण पलायन तक की नौबत आ चुकी है।

इस अवसर पर अग्रवाल समाज के अध्यक्ष शिव अग्रवाल ने कहा महाराजा अग्रसेन केवल एक राजपुरुष ही नहीं बल्कि समाज में समानता समरसता और प्रकृति संरक्षण के प्रतीक थे। उनकी जयंती पर हम सभी को जल और पर्यावरण बचाने का संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि समाज ने इस वर्ष जयंती को प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत पेड़ लगाने वर्षा जल संग्रहण और जल के विवेकपूर्ण उपयोग को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान स्लोगन, पोस्टर प्रदर्शनी और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों और युवाओं ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
इस वर्ष महाराजा अग्रसेन जयंती केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि एक सामाजिक जागरण अभियान बनकर उभरी है। कलेक्टर की चेतावनी और समाज के नेतृत्व की अपील ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि जल है तो कल है और इसकी रक्षा आज से ही करनी होगी।

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