राज्यपाल की अटकलों पर बोले रमन सिंह मुझे छत्तीसगढ़ में ही रहने दीजिए
भूपेश बघेल के बयानों पर रमन सिंह का कटाक्ष, कहा– समझने के लिए चाहिए ज्यादा बुद्धि
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को बिलासपुर प्रवास के दौरान मंत्री मंडल विस्तार को लेकर उठ रहे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने कहा हरियाणा में भी यह व्यवस्था लागू है। 13.5 को 13 भी कर सकते हैं और 14 भी। जब मामला न्यायालय में है तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय का जो भी फैसला आएगा उसी का पालन होगा।
डॉ. सिंह यहां स्वर्गीय काशीनाथ गोरे की स्मारिका के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यदि मंत्रियों की संख्या 14 रहती है तो यह अच्छी बात होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हालिया बयानों पर कटाक्ष करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बघेल के बयान अजीबोगरीब हो रहे हैं। पता नहीं उन्हें इतनी हड़बड़ी क्यों है। उन्होंने कहा कि सर संघचालक की बात को समझने के लिए अधिक बुद्धि की आवश्यकता होती है।
प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किए जाने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नेता जैसा कहेंगे, वैसा ही कार्यकर्ता कहेंगे। इसे उन्होंने चरित्र की बड़ी गिरावट बताया।
उन्होंने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूरे देश में 1000 से अधिक गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। बिलासपुर का यह आयोजन भी उसी श्रंखला का हिस्सा है। डॉ. सिंह ने कहा राष्ट्रीय स्तर के सरसंघचालक का बिलासपुर आना हमारे लिए सौभाग्य है। निश्चित रूप से यह आयोजन समाज के अन्य वर्गों के लिए भी मार्गदर्शनकारी होगा।
काशीनाथ गोरे का योगदान अविस्मरणीय,उनकी प्रेरणा से भारत माता चिकित्सालय का हुआ विस्तार
विधानसभा अध्यक्ष ने स्वर्गीय गोरे के व्यक्तित्व को याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी, उस समय कवर्धा प्रवास के दौरान काशीनाथ जी से उनका सानिध्य मिला। उनके मार्गदर्शन में भारत माता चिकित्सालय जैसे सेवा प्रकल्प ने आज बड़े प्रोजेक्ट का रूप ले लिया है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा काशीनाथ जी सहज और सरल स्वभाव के थे। उनका घर हमेशा सभी कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता था। वे केवल भाजपा ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत थे। संघर्ष और सेवा के प्रतीक के रूप में वे संघ कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श उदाहरण हैं।
अपने राज्यपाल नियुक्त किए जाने की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा ये सिर्फ मीडिया की खबरें हैं। मुझे छत्तीसगढ़ में ही रहने दीजिए।

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