तीन गांवों के हजारों लोग हो रहे लाभान्वित, ग्रामीण विकास को मिली गति
बिलासपुर।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बिल्हा ब्लॉक में बहतराई से परसाही होते हुए बिजौर तक 6.400 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 1 करोड़ 79 लाख रुपए की लागत से पूरा किया गया है। इस सड़क ने क्षेत्र के ग्रामीणों को जर्जर मार्ग की समस्या से मुक्ति दिलाते हुए आवागमन को आसान बना दिया है। अब इस मार्ग से तीन गांवों के हजारों लोग सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया है।
जर्जर सड़क से पक्के मार्ग तक का सफर
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले यह सड़क पूरी तरह गड्ढों और कीचड़ से भरी रहती थी। बरसात के दिनों में मार्ग और भी दुर्गम हो जाता था। इस कारण बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती थी, बीमार मरीजों को शहर ले जाना कठिन था और किसानों की उपज समय पर बाजार तक नहीं पहुँच पाती थी।
वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस सड़क का निर्माण कराया गया। अच्छी गुणवत्ता और नियमित रख-रखाव की वजह से आज यह सड़क बेहतरीन स्थिति में है।
ग्रामीणों की खुशी

किसान सहदेव कौशिक ने कहा सड़क बनने से हमें फसल शहर तक ले जाने में बहुत सुविधा हो रही है। पहले खराब रास्ते के कारण ट्रैक्टर-ट्रॉली फँस जाती थी जिससे समय और पैसा दोनों का नुकसान होता था। अब सीधा शहर से जुड़ाव हो गया है।

छात्र युग भार्गव का कहना है अब विद्यालय आने-जाने में कोई कठिनाई नहीं होती और दुर्घटनाओं का खतरा भी कम हो गया है।

गाँव के बुजुर्गों ने इसे अपनी जीवन रेखा बताते हुए कहा कि सड़क बनने से उन्हें राहत और सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिली है।
विकास की नई राह

सड़क निर्माण से बहतराई, परसाही और बिजौर क्षेत्र के ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है। अब आवागमन आसान हो गया है, समय की बचत हो रही है और दुर्घटनाओं में कमी आई है। किसानों को अपनी फसल बिना रुकावट सीधे शहर तक पहुँचाने में सुविधा हो रही है, जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना : ग्रामीण विकास की जीवनरेखा

भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीण इलाकों को सड़कों से जोड़ने का सपना देखा था।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य 500 या उससे अधिक आबादी वाले गाँवों (जबकि पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 आबादी वाले गाँव को हर मौसम में उपयोगी सड़कों से जोड़ना है। इसके अंतर्गत न केवल सड़कों का निर्माण किया जाता है, बल्कि उनकी देखरेख और रख-रखाव की भी जिम्मेदारी तय की जाती है, ताकि ग्रामीणों को लंबे समय तक इसका लाभ मिल सके।

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