बिलासपुर। राज्य की बदहाल सड़कों और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने जमकर नाराजगी जताई। नाराज सीजे ने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की खराब हालत और रखरखाव में बरती जा रही देरी व लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 4 सितंबर की तिथि तय कर दी है।
डिवीजन बेंच ने कहा कि बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड के अधूरे काम को लेकर कोर्ट नाराज हुआ।
हाई कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि नेशनल हाईवे वाले जो थोड़ा बहुत मेंटेनेंस करते हैं, सड़क पर स्टॉपर लगाते है वे बेतरतीब, लावारिस हालत में सड़क पर पड़े रहते हैं। पेंच वर्क करने के लिए जो मटैरियल सड़क पर छोड़ा गया है उससे भी गंदगी फैल रही है और दुर्घटनाओं की आशंका पूरे समय बनी रहती है। दुर्घटनाएं हो रही है और जनहानि भी। डीब ने कहा कि यह सिर्फ बिलासपुर या रायपुर की बात नहीं है, प्रदेशभर में सड़कों की हालत बेहद खराब है। देखरेख भी ठीक से नहीं हो रहा है। मेंटनेंस के काम में लापरवाही बरती जा रही है। एनएचएआई की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सड़क की मरम्मत में अभी वक्त लगेगा। सड़कों की खराब हालत को लेकर जब बेंच ने सवाल दागना शुरू किया तब अफसर एक दूसरे विभाग पर इसका जिम्मा डालते रहे।

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