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October 23, 2025 10:02 pm

मंडल ने बड़े जोश, उत्साह और धूमधाम से मनाया बिलासपुर स्टेशन महोत्सव 

महोत्सव शानदार स्टेशन के लगभग 135 गौरवशाली वर्षों का प्रतीक बना

बिलासपुर – दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख जंक्शन बिलासपुर रेलवे स्टेशन ने अपने गौरवशाली यात्रा पूरी करते हुए आज 14 अगस्त 2025 को स्टेशन महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया | यह ऐतिहासिक स्टेशन, जो 1889-90 में स्थापित हुआ था, देश के सबसे पुराने स्टेशनों में से एक है और भारतीय रेल के विकास का साक्षी रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक  राजमल खोईवाल थे। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक योगेश कुमार देवांगन, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी डॉ. अंशुमान मिश्रा, मंडल कार्मिक अधिकारी सुश्री रुहीना तुफैल खान, मंडल वाणिज्य प्रबंधक एस. भारतीयन, मंडल यांत्रिक अभियंता (पर्यावरण) साई रमेश अन्य अधिकारी, पर्यवेक्षकगण, बड़ी संख्या में यात्री, स्कूली बच्चे एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

महोत्सव का शुभारंभ स्टेशन के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए किया गया। इस अवसर पर स्टेशन के 135 वर्षों की विकास यात्रा पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई, जिसमें इसके शुरुआती दिनों से लेकर आज के आधुनिक स्वरूप तक की कहानी शामिल थी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने महोत्सव को रंगारंग बना दिया

रेलवे स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, मंडल सांस्कृतिक समिति तथा रेलवे कर्मचारियों के बच्चों ने देशभक्ति गीत और नृत्य, छत्तीसगढ़ी लोकगीत, बंगाली और संबलपुरी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां दीं, जिनसे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। रेल कर्मचारियों की महिला सदस्यों द्वारा छत्तीसगढ़ में साल के बारह महीनों के दौरान मनाए जाने वाली त्यौहारों को समर्पित नृत्य की प्रस्तुति तथा छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना गीत को दर्शकों ने काफी पसंद किया गया ।

स्टेशन परिसर में ऐतिहासिक फोटो प्रदर्शनी, सेल्फी प्वॉइंट, स्टेशन महोत्सव आधारित स्टेंडी, और स्कूली बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। महोत्सव से पूर्व विभिन्न विद्यालयों में आयोजित चित्रकारी, कविता पठन एवं कथा वाचन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मंच पर मंडल रेल प्रबंधक एवं अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

मंडल वाणिज्य प्रबंधक एस. भारतीयन ने स्टेशन के क्रमिक विकास और महोत्सव आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि विगत 135 वर्षों में इस स्टेशन ने न केवल यात्रियों की गंतव्य यात्रा को जोड़ा है बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाई है। यह आयोजन हमारी विरासत और प्रगति का प्रतीक भी है । 

मुख्य अतिथि श्री राजमल खोईवाल ने स्टेशन की नींव रखने वाले और उन सभी कर्मचारियों जिनहोने इसे अपनी मेहनत, ईमानदारी और सेवा-भाव से निरंतर आगे ले जाने का काम कर रहे हैं उनका धन्यवाद किया उन्होने कहा कि 135 वर्षों की यह गौरवशाली यात्रा केवल ईंट-पत्थर या पटरियों की नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सतत विकास की कहानी है। इस स्टेशन ने समय के साथ न केवल तकनीकी रूप से प्रगति की, बल्कि अपने सेवा की भावनाओं के मूल्यों को भी बनाए रखा। 1918 में विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर का बिलासपुर स्टेशन में ठहरना और अपनी प्रसिद्ध कविता ‘फांकि’ की रचना को इस स्टेशन की अमूल्य धरोहर बताते हुये कहा कि यह साहित्यिक घटना बिलासपुर स्टेशन को न केवल रेलवे इतिहास में बल्कि भारतीय साहित्य में भी विशिष्ट स्थान देती है।

 

यात्रियों को सुरक्षित, सहज और स्मार्ट सेवाएं प्रदान करना, स्टेशन को हरित, स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाना, कर्मचारियों को प्रेरणा, सम्मान और संसाधन देना तथा समाज के प्रति समर्पण एवं सहभागिता का संबंध बनाने को उन्होने मंडल की प्रमुख लक्ष्य बताया ।

महोत्सव के अंत में सभी ने एक साथ स्टेशन की 135 वर्षों की सफलता और आने वाले समय में इसके और अधिक विकास के संकल्प को दोहराया।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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