बिलासपुर। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य के स्कूलों में लापरवाही को लेकर संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग और संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें बिजली विभाग के कर्मचारी ट्रांसफार्मर बदलने के दौरान बच्चों से रस्सी खिंचवाते नजर आ रहे हैं। इस मामले में डीईओ को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने एक स्कूल में छत का प्लास्टर गिरने की घटना को संज्ञान में ले जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा कि मुंगेली ड़ीईओ क्या करते रहते हैं। हाईकोर्ट में प्रदेश भर के स्कूलों की दुर्दशा को लेकर सुनवाई चल रही है। आज चीफ जस्टिस व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान एक शासकीय स्कूल की लेवलिंग में हुई गड़बड़ी की बात सामने आई। इसी तरह मुंगेली जिले के एक स्कूल में छत का प्लास्टर गिरने की खबर समाचार माध्यम से सामने आई, जिस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने महाधिवक्ता से इस बारे में सवाल किया। उन्होंने मुंगेली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, अधिकारी क्या करते रहते हैं। क्या यह सब भी सिर्फ कोर्ट ही देखती रहे। यह हमारा काम नहीं है। इसके अलावा तखतपुर के चनाडोंगरी स्कूल का जिक्र किया गया, जहां पर बच्चे ट्रांसफार्मर उतारने लगाने में विद्युत कर्मियों की मदद कर रहे थे। इस पर भी चीफ जस्टिस ने सवाल किया। इन सब बातों को लेकर स्कूल शिक्षा सचिव से नये शपथपत्र पर जवाब मंगाया है। सक्ती जिले के तमाम सरकारी स्कूलों को लेकर हस्तक्षेप याचिका पेश की गई है। जिले के 180 स्कूलों में शौचालय ही नहीं है। करीब 50 में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। कई स्कूलों में भवन नहीं है और 150 स्कूलों में अहाता नहीं है इससे बच्चों के सड़क पर जान एक खतरा बन रहता है ।

प्रधान संपादक

