प्रशासन एक्शन में,खुले मवेशियों पर अब कानून सख्त, होगी बीएनएस की धारा 291 के तहत कार्रवाई, 6 माह तक की कैद या 5,000 तक जुर्माना या दोनों का का है प्रावधान
बिलासपुर।शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं के कारण हो रही दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल ने अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त निर्देश जारी किए।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि खुले में छोड़े गए पशुओं के कारण सड़क हादसों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है जिसके कारण जान माल की हानि हो रही है जो गंभीर और चिंताजनक है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि पशु मालिक अपने पशुओं का बांध कर रखें उन्हें सड़को पर ना छोड़े अन्यथा उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

कलेक्टर अग्रवाल ने निर्देश दिए कि नगर निगम नगर पशु चिकित्सा विभाग की संयुक्त टीमें बनाकर नियमित निगरानी करें ताकि खुले में पशु छोड़ने वाले मालिकों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
बैठक में शामिल एएसपी राजेंद्र जायसवाल एवं श्रीमती अर्चना झा ने पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं की जानकारी दी और बताया कि सार्वजनिक स्थलों पर पशु छोड़ना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
छ महीने की सजा ,पाँच हज़ार जुर्माना का है प्रावधान

पशु क्रूरता अधिनियम के साथ-साथ अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 291 के तहत ऐसे मामलों में 6 माह तक की कैद या 5,000 तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। यह उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो अपने पशुओं की देखभाल में लापरवाही बरतते हैं जिससे किसी को गंभीर चोट लग सकती है या जीवन को खतरा हो सकता है।
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने प्रत्येक जोन में निगरानी टीमों के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि पशुओं की पहचान कर उनके मालिकों को पहले समझाइश दी जाए और फिर जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाए ताकि पशु मालिक स्वयं जिम्मेदारी समझें और अपने पशुओं को खुले में न छोड़ें। इसके लिए चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों और पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए है ।

प्रधान संपादक