बिलासपुर। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने 20-20 साल की सजा सुनाई है। डिवीजन बेंच ने कहा कि समूह में अपराध करने वाले सभी दोषी ठहराए जाएंगे। इस टिप्पणी के साथ ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अभियुक्तों की अपील खारिज कर दी है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीड़ी गुरु की डिवीजन बेंच हुई। बेंच ने अभियुक्तों व शासन के पक्ष को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि साक्ष्यों के उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर, अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सक्षम रहा है कि, घटना की तिथि को, अभियोक्ता 18 वर्ष से कम आयु की थी और बालिका की श्रेणी में आती थी और अभियुक्त और विधि का उल्लंघन करने वाले बालक ने घटना की उक्त तिथि, समय और स्थान पर, नाबालिग पीड़िता, जो 18 वर्ष से कम आयु की थी, के साथ बारी-बारी से, उसकी इच्छा और सहमति के बिना, सामूहिक बलात्कार करके गंभीर यौन उत्पीड़न किया। धारा 376डी सामूहिक बलात्कारः जहां किसी महिला का एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा समूह बनाकर या एक समान इरादे से बलात्कार किया जाता है, तो उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को बलात्कार का अपराध करने वाला माना जाएगा।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीड़ी गुरु की डिवीजन बेंच ने 8 वीं कक्षा की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की सजा के खिलाफ पेश अपील खारिज कर दी है। निचली अदालत ने आरोपियों को 20-20 वर्ष कैद व 12-12 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
पीड़िता ने अपने पड़ोसी और भाई-बहनों को घटना की जानकारी देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़िता की रिपोर्ट पर, पुलिस चौकी द्वारा ग्रामीण शिकायत दर्ज की गई। उक्त बिना नंबर वाली शिकायत मस्तूरी पुलिस थाने में धारा 376-डी, 323, 506 आईपीसी और प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत दर्ज की गई। मस्तूरी पुलिस थाने द्वारा मामले की जांच शुरू की गई। जांच उपरांत विशेष न्यायाधीश एफटीसी ने आरोपियों को धारा 376 डी में 20 वर्ष कैद, 10 हजार अर्थदंड, 323-34 में 1 वर्ष 1000 रु व 506 बी में 2 वर्ष कैद व 1000 रु अर्थदंड की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता अपने परिवार के साथ गांव में रहती है और आठवीं कक्षा में पढ़ती है। घटना के समय, पीड़िता के माता-पिता उत्तरप्रदेश के एक ईंट भट्टे पर जीविकोपार्जन के लिए काम करने गए हुए थे। उस समय, पीड़िता घर पर अपनी बड़ी बहन और भाइयों के साथ रहती थी। 18 नवंबर 2017 की रात 8 बजे, पीड़िता अपने घर के आंगन में बने शौचालय में गई, तभी आरोपी विपिन और सुनील ने पीड़िता को पकड़ लिया। विपिन ने पीड़िता का मुंह रूमाल से बंद कर दिया और पैर कपड़े से बांध दिया। दोनों आरोपियों ने पीड़िता की पिटाई की और उसे चाकू से धमकाया, इसके बाद, आरोपी विपिन ने उसके साथ बलपूर्वक दुष्कर्म किया। उसके बाद, आरोपी सुनील ने भी दुष्कर्म किया। आवाज सुनकर पीड़िता के भाई-बहन मौके पर पहुंच गए और बचाव के लिए चिल्लाने लगे। इसी बीच माैका पाकर दोनों युवक भाग गए।

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