बिलासपुर। जालसाजों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर बुजुर्ग से 57 लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजी करने वालाें ने पहले बुजुर्ग को करोड़ों के ट्रांजेक्शन में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहते हुए बैंक खाते 57 लाख का ट्रांजेक्शन करा लिया। डर के कारण बुजुर्ग दो दिन तक चुप रहे। बाद में परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद सिविल लाइन थाने में ठगी की शिकायत की गई है। पुलिस ने धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

सिविल लाइन थाना प्रभारी सुम्मत साहू ने बताया कि तारबाहर क्षेत्र में रहने वाले 68 वर्षीय बुजुर्ग झारखंड की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर नरेश गोयल को करोड़ों रुपये के घोटाले में पकड़ा गया है। इस मामले की जांच चल रही है। उसने कहा कि बुजुर्ग के आधार कार्ड और बैंक खाते का उपयोग कर नरेश गोयल ने करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया है। इसके कारण वे भी जांच के घेरे में हैं। बुजुर्ग ने सफाई देने की कोशिश की तो जालसाजों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी। साथ ही निर्दोष होने पर छोड़ देने का आश्वासन दिया। आरबीआई द्वारा जांच के लिए अपने खाते के सभी पैसे एक सुरक्षित खाते में ट्रांसफर करें। डर के मारे बुजुर्ग ने 57 लाख रुपये उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान उन्हें किसी को कुछ भी न बताने की चेतावनी दी गई। दो दिन तक तनाव में रहने के बाद बुजुर्ग ने परिजनों को पूरी बात बताई। परिजनों की समझाइश के बाद वे सिविल लाइन थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

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