बिलासपुर। परिवहन सचिव ने हाई कोर्ट को बताया कि जल्द ही प्रदेश में ई बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के तहत बसों की खरीदी व अन्य कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
डीजल बसों के स्थान पर नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी, यद्यपि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन हेतु निविदा मार्च, 2024 में ही जारी कर दी गई थी, परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि बिलासपुर जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों के लिए नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन तक सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है। इस मामले में हाई कोर्ट ने स्व संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि , जिन 9 सिटी बसों के खराब होने की बात कही गई है, उनमें से 5 बिलकुल ठीक होकर अपने रूट पर संचालित की जा रहीं हैं। एक और बस अगले कुछ दिनों में आ रही है। शेष 3 बसों पर ही अभी काम बाकी है। शासन ने अपनी ओर से हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की मानिटरिंग जारी रखते हुए अगली सुनवाई सितंबर में तय कर दी है ।
पहले हुई सुनवाई में अपर परिवहन आयुक्त ने एक शपथपत्र पेश कर कोर्ट को बताया था कि ,वर्ष 2014-2015 में शुरू की गई और लगभग 10 वर्ष पूरे कर चुकी हैं। कोविड महामारी के दौरान बसों का संचालन न होने और बसों के पुराने हो जाने के कारण अधिकांश बसें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में चल रही हैं। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना शुरू की है जिसके तहत पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा। दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा के लिए पहले ही 140 बसें स्वीकृत की जा चुकी हैं। रायपुर शहर के लिए मध्यम श्रेणी की 100 और बसें स्वीकृत की गई हैं। इस प्रकार, शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के अंतर्गत कुल 240 इलेक्ट्रिक बसें आने की उम्मीद है।

प्रधान संपादक