एक लाख जुर्माना भी ठोका,’ जुर्माने की राशि जमा न करने पर चार महीने की सजा और भुगतनी पड़ेगी
बिलासपुर। मादक द्रव्य रखने व बिक्री के आरोप में स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की सजा और एक लाख रोते जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि न पटाने पर चार महीने अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्दर्श दिया है।
आरोपी पर एनडीपीएस. एक्ट, 1985 की धारा-21 (सी) का आरोप है कि पांच मई 2024 को लगभग 10:10 बजे साइंस कॉलेज गेट के पास सरकण्डा, बिलासपुर केन्द्र सरकार की अधिसूचना के उल्लंघन में एनडीपीएस. एक्ट, 1985 की धारा-8 के प्रतिषेध के उपरांत भी स्कूटी की डिक्की के अंदर कार्टून में वाणिज्यिक मात्रा से अधिक विनिर्मित औषधि/मनः प्रभावी पदार्थ कोडीनयुक्त सिरप कुल 20 नग शीशी (प्रत्येक 100 एम.एल.) कुल 2000 एमएल (2000 ग्राम) रखकर विक्रय, क्रय, परिवहन, अंतर्राज्यिक आयात, अंतर्राज्यिक निर्यात या उपयोग किया ।
अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि पांच मई 2024 को आरोपी नीले रंग के स्कूटी क्रमांक सीजी-10-बीजे/8138 में अवैध रुप से नशीली प्रतिबंधित सिरप रखकर विक्रय करने हेतु सरकण्डा आने की मुखबिर सूचना प्राप्त होने पर थाना सरकण्डा के उपनिरीक्षक कृष्णा साहू द्वारा रोजनामचा दर्ज कर पंचनामा तैयार किया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर साक्षियों को आहूत कर गवाहों, स्टाफ सहित साइंस कॉलेज गेट के पास नाकेबंदी कर उपरोक्त स्कूटी वाहन का रोका गया और सवार व्यक्ति से पूछने पर अपना नाम विक्रय सिंह राणा बताया और मुखबिर सूचना से मेल खाने से आरोपी को मुखबिर सूचना से अवगत कराकर धारा 50 एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत नोटिस देकर उसे उसके अधिकारों से अवगत कराकर सहमति प्राप्त किया गया। एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत आरोपी से गवाह, पुलिस वाहन एवं स्टाफ की तलाशी कराकर पंचनामा तैयार किया गया। आरोपी की तलाशी लिये जाने पर एक आधार कार्ड एवं नगदी रकम 150/- रुपये एवं नोटिस मिला और स्कूटी की तलाशी लिये जाने पर वाहन की डिक्की में एक कार्टून में गिफ्ट पेपर से लिपटा, जिसके अंदर प्रतिबंधित नशीला 20 शीशी सिरप बरामद हुआ।
आरोपी को धारा-67 एन.डी.पी.एस.एक्ट के तहत नोटिस दिये जाने पर कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं किया गया। मौके पर ही गवाहों के समक्ष बरामद नशीला सिरप सहित आधार कार्ड एवं नगद रकम 150/- को विधिवत् मादक द्रव्य पहचान, गणना, बरामदगी पंचनामा तैयार कर जप्त कर सीलबंद कर जप्ती पत्र एवं नमूना सील पंचनामा तैयार किया गया।
विवेचना पूर्ण करने के उपरांत आरोपी के खिलाफ धारा 21, 22 एन.डी.पी.एस. एक्ट प्रस्तुत किये जाने पर विचारण प्रारंभ किया गया ।
दण्डादेश –
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी विक्रम सिंह राणा को धारा 21 (सी) एन.डी.पी. एस. एक्ट के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास वएक लाख जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न पटाने पर चार माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी 05-05-2024 से 16-07-2025 तक न्यायिक अभिरक्षा में रहा है। अतः अभिरक्षा में व्यतीत उक्त अवधि दिये गये उपरोक्त कारावास की अवधि में समायोजन किया जाएगा।
0 विशेष न्यायालय ने दिया ये निर्देश
निर्णय की प्रति निःशुल्क आरोपी को प्रदान की जाकर पावती प्राप्त की जावे और निर्णय की एक प्रति अधीक्षक केन्द्रीय जेल बिलासपुर को छग उच्च न्यायालय के न्यायदृष्टांत रामसाय विरुद्ध छग राज्य एवं रामदास सोनी विरुद्ध छग राज्य दांडिक अपील के आलोक में इस निर्देश के साथ प्रेषित की जावे कि जेल अधीक्षक द्वारा आरोपी को सात दिवस के अंदर उसके अपील के अधिकार से अवगत कराया जाएगा और आरोपी स्वयं अपील नहीं करता है तो उक्त संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ।

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