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July 8, 2025 12:26 am

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हाई कोर्ट का फैसला- यूनिवर्सिटी की अपील की खारिज, डीपी विप्र कालेज को माना स्वशासी

बिलासपुर। डीपी विप्र महाविद्यालय को स्वशासी दर्जा देने के मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी बड़ा फैसला सुनाया है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा दाखिल की गई अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने डीपी विप्र कालेज को स्वशासी घोषित कर विश्वविद्यालय को तत्काल अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। इससे पूर्व हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 8 मई 2025 को भी विश्वविद्यालय की आपत्ति को निरस्त करते हुए महाविद्यालय के पक्ष में फैसला दिया था। अब डबल बेंच ने भी उस निर्णय को सही ठहराया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा डीपी विप्र महाविद्यालय को 19 जनवरी 2024 को स्वशासी महाविद्यालय घोषित किया गया था। इसके पश्चात कालेज ने बार-बार विश्वविद्यालय को अधिसूचना जारी करने के लिए पत्राचार किया, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उल्टे कालेज को गुमराह करते हुए भ्रामक जानकारी दी जाती रही। कालेज प्रशासन ने छात्रहित को देखते हुए महामहिम राज्यपाल, मंत्रीगणों और अन्य अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी, परंतु विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा किसी भी पत्र का संज्ञान नहीं लिया गया।
2 जून 2025 को डीपी विप्र कालेज के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय का घेराव कर अधिसूचना जारी करने की मांग की थी। जवाब में कुलपति ने हाई कोर्ट की डबल बेंच में अपील करने की बात कहकर मामले को टाल दिया। अंततः 3 जून को विश्वविद्यालय ने उच्च न्यायालय की डबल बेंच में अपील दायर की, जिस पर 30 जून 2025 को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के डबल बेंच ने अपील खारिज करते हुए कहा कि यूजीसी द्वारा स्वशासी दर्जा दिए जाने के बाद तथा सिंगल बेंच द्वारा दी गई 30 दिनों की अवधि पर्याप्त थी। इसके बावजूद अधिसूचना जारी न करना छात्रों के हितों के खिलाफ है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि वह डीपी विप्र महाविद्यालय को स्वशासी मानते हुए तुरंत अधिसूचना जारी करे।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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