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September 6, 2025 6:55 pm

झांसा देकर करोड़ो रूपये की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को रायपुर पुलिस ने धर दबोचा

बाइक बोट स्कीम से 2800 करोड़ की ठगी ,देशभर में दर्ज हैं 200 से अधिक मामले

प्रवर्तन निदेशालय की टीम द्वारा आरोपियों की संपत्ति को विभिन्न प्रकरणों में किया गया है अटैच

रायपुर छत्तीसगढ़ ।ओला-उबर की तर्ज पर बाइक बोट स्कीम चलाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना संजय भाटी समेत तीन आरोपियों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी वर्ष 2019 में थाना सिविल लाइन में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में की गई है।

रायपुर पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गिरोह के सदस्यों ने बाइक बोट स्कीम के नाम पर लोगों से प्रति बाइक 62,100 जमा कराकर हर महीने 9,765 देने का झांसा दिया था। इस योजना को वर्ष 2017 से मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से चलाई जा रही थी।

पुलिस के अनुसार आरोपियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में 200 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसमे उत्तर प्रदेश में 150 राजस्थान में 50 मध्यप्रदेश गुजरात, तेलंगाना हिमाचल प्रदेश हरियाणा महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। इसके अलावा आरोपी संजय भाटी के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत 1,500 से अधिक प्रकरण हरियाणा दिल्ली हिमाचल, पंजाब और यूपी में दर्ज हैं।

छत्तीसगढ़ रायपुर निवासी अखिल कुमार बिसोई की रिपोर्ट पर थाना सिविल लाइन में धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

लंबित प्रकरणों को संज्ञान में लेते हुये आईजी रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा एवं एसएसपी रायपुर लाल उमेंद सिंह द्वारा जिले के समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारियों को इस प्रकार के प्रकरणों में आरोपियों को पकड़ने एवं प्रकरणों का तत्काल निराकरण करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये थे ।

अधिकारियों के निर्देश पर गठित टीम ने गौतमबुद्ध नगर  पहुंचकर जानकारी प्राप्त की कि आरोपी पहले से राजस्थान के भरतपुर जयपुर की जेल में बंद हैं। इसके बाद कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी कराकर आरोपियों को रायपुर लाया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संजय भाटी ग्राम चीती, जिला गौतमबुद्ध नगर करणपाल सिंह मेरठ और राजेश भारद्वाज बुलंदशहर शामिल हैं,सभी उत्तरप्रदेश के निवासी हैं ।

पुलिस के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के जरिए अब तक 2,800 करोड़ से अधिक की ठगी की जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोपियों की संपत्तियां भी विभिन्न मामलों में अटैच की जा चुकी हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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