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June 25, 2025 10:50 pm

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केंद्रीय राज्य मंत्री ने कांग्रेस पर लगाया अपातकालीन मानसिकता का आरोप,संविधान का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कुचला

दुर्ग छत्तीसगढ़ ।केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों का दमन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की आज भी वही तानाशाही प्रवृत्ति कायम है, केवल तरीकों में बदलाव आया है।

दुर्ग स्थित भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए साहू ने कहा, “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनाव में अयोग्य ठहराए जाने के बाद ‘आंतरिक अशांति’ का हवाला देकर आपातकाल थोपा। यह निर्णय न तो किसी युद्ध के कारण था और न ही किसी विद्रोह के चलते, बल्कि सत्ता बचाने की हताशा से प्रेरित था।”

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग कर कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका—तीनों को बंधक बना दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करते हुए सेंसरशिप थोप दी गई, और विरोधी नेताओं, पत्रकारों, छात्रों को बिना मुकदमे के जेलों में ठूंस दिया गया।

संविधान को बनाया हथियार

साहू ने कहा कि जिस संविधान को बाबा साहेब अंबेडकर ने नागरिकों को अधिकार देने के लिए बनाया था, उसी को कांग्रेस ने हथियार बनाकर जनता के अधिकार छीन लिए। उन्होंने बताया कि 39वें और 42वें संविधान संशोधनों के जरिए प्रधानमंत्री और शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से बाहर किया गया।

उन्होंने कहा कि जस्टिस एच.आर. खन्ना इकलौते जज थे जिन्होंने सरकार के खिलाफ निर्णय दिया था, जिसके चलते उन्हें मुख्य न्यायाधीश बनने से वंचित कर दिया गया।

संजय गांधी पर भी साधा निशाना

साहू ने आरोप लगाया कि उस दौरान संजय गांधी सत्ता के असली केंद्र बन चुके थे और बिना किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए राष्ट्रीय नीतियों पर फैसले कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट मंत्रियों की भूमिका सिर्फ हाँ कहने तक सीमित रह गई थी।

राहुल गांधी पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए साहू ने कहा कि जो खुद को सामाजिक न्याय का रक्षक बताते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने तुर्कमान गेट पर गरीबों पर गोलियां चलवाई थीं।

डिजिटल इमरजेंसी का आरोप

साहू ने कांग्रेस पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज फैलाने और विरोधी आवाजों को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा आज कांग्रेस डिजिटल इमरजेंसी के जरिए लोकतंत्र को फिर से बंधक बनाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि जब भी गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार की जांच होती है, कांग्रेस लोकतंत्र खतरे में है का नारा देने लगती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि शाह आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया था कि आपातकाल लगाने का कोई संवैधानिक औचित्य नहीं था।

लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार

मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान आरएसएस, जनसंघ, एबीवीपी और अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया और विपक्ष की आवाज को देशद्रोह बताकर कुचला गया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय एक साधारण कार्यकर्ता थे जिन्होंने कांग्रेस की तानाशाही के खिलाफ पर्चे बांटे और संदेश पहुंचाए।

कांग्रेस मानसिकता आज भी बरकरार

केंद्रीय राज्य मंत्री साहू ने कहा कि कांग्रेस की आज भी वही आपातकालीन मानसिकता है और उसका नेतृत्व परिवार केंद्रित बना हुआ है। विपक्षी गठबंधन की बैठकें आज भी कांग्रेस अध्यक्ष के घर होती हैं जो दर्शाता है कि सत्ता की चाबी अब भी एक परिवार की जेब में है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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