1200 स्टेशनों और 740 से अधिक वर्कशॉप पर चला अभियान

रेलवे अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने ली पर्यावरण संरक्षण की शपथ
2014 से अब तक 9.7 करोड़ पौधों के रोपण जैसे ठोस प्रयासों के ज़रिए दी पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा
बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में भारतीय रेल ने देशभर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया। 22 मई से 5 जून तक चले इस पंद्रह दिवसीय विशेष अभियान में देश के विभिन्न ज़ोन, मंडल, स्टेशन और कार्यालयों में जन-जागरूकता से जुड़ी गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस वर्ष का मुख्य विषय रहा – “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें”।
इस अभियान के अंतर्गत 1200 से अधिक रेलवे स्टेशनों और 740 से अधिक वर्कशॉप में जागरूकता अभियान संचालित किया गया। रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों, यात्रियों एवं स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान एक जन आंदोलन का रूप लेता नज़र आया।
अभियान के दौरान लगभग 150 टन प्लास्टिक कचरे का सुरक्षित निपटान किया गया। प्लास्टिक कचरे के वर्गीकरण, बोतल क्रशिंग मशीनों की कार्यप्रणाली की समीक्षा, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं ऊर्जा संरक्षण जैसे विषयों पर विशेष बल दिया गया। इस दौरान 230 से अधिक नुक्कड़ नाटकों और 1230 स्टेशनों पर पोस्टरों व डिजिटल माध्यमों से आम लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया।
5 जून को सभी जोनल रेलवे कार्यालयों और स्टेशनों पर पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाई गई। रेलवे बोर्ड में यह संकल्प सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) द्वारा दिलाया गया, जिसमें बोर्ड के अन्य सदस्य और ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
इस अवसर पर भारतीय रेल की वार्षिक पर्यावरणीय सततता रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हुई उपलब्धियों को दर्शाया गया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रेल ने वर्ष 2025-26 के लिए 750 करोड़ रुपये की समग्र हरित योजना को मंज़ूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत रेल नेटवर्क को पर्यावरण के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। वर्तमान में 98% ब्रॉड गेज मार्गों का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। 3512 स्टेशनों और रेल परिसरों पर सौर रूफटॉप लगाकर लगभग 227 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की गई है। साथ ही, सभी रेलवे परिसरों में 100% एलईडी लाइट्स का उपयोग सुनिश्चित किया गया है।
रेलवे द्वारा हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेनों के विकास, 100% बायो-टॉयलेट्स, और वर्ष 2014 से अब तक 9.7 करोड़ पौधों के रोपण जैसे ठोस प्रयासों के ज़रिए पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा दी गई है।

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