कोरोना फाइटर से लेकर न्याय की ज़मीन तक आर्यन तिवारी की सामाजिक फिल्मों ने जीते 40 से अधिक पुरस्कार





छत्तीसगढ़,बिलासपुर पुलिस द्वारा संचालित सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम “चेतना” के एक साल पूरे होने पर पुलिस मैदान में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया , इस अवसर पर शॉर्ट फ़िल्मों के निर्देशक निर्मता आर्यन तिवारी का सम्मान किया गया।आर्यन ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि चेतना अब एक मुहिम नहीं, बल्कि समाज में बदलाव की मिसाल बन रही है।“चेतना मित्र” सिर्फ एक बैज नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का प्रतीक है। समर कैंप “आओ संवारे कल अपना” के समापन पर बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांधा समाजसेवियों और पुलिस अधिकारियों को “चेतना मित्र” सम्मान देकर किया गया । कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल और एसएसपी आईपीएस रजनेश सिंह ने अपने विचार साझा किए नशा मुक्ति, साइबर सुरक्षा, लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर रही खास झांकी मंच से लाभान्वित लोगों ने साझा किए अनुभव, बताया कैसे बदली उनकी ज़िंदगी यह कार्यक्रम आम लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ ।



कौन हैं आर्यन तिवारी आइये जानते हैं


छत्तीसगढ़ के युवा फिल्मकार आर्यन तिवारी ने सामाजिक सरोकारों को सिनेमा के ज़रिए नई पहचान दी है। कोरोना काल में नर्सिंग स्टाफ की निजी और पेशेवर जंग को बारीकी से उकेरती उनकी चर्चित शॉर्ट फिल्म “The Corona Fighter” ने दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म का पोस्टर लॉन्च जहां छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती अनुसुईया उइके ने किया वही वीडियो लॉन्च तत्कालीन बिलासपुर के कमिश्नर संजय अलंग के हाथों हुआ। इस फिल्म को क्रिएटिव सपोर्ट भी संजय अलंग से मिला। आर्यन द्वारा निर्मित यह फिल्म अब तक 40 से अधिक पुरस्कार जीत चुकी है, साथ ही इसे राजस्थान फिल्म फेस्टिवल में “बेस्ट सोशल अवेयरनेस फिल्म” के खिताब से नवाज़ा गया ।

इसके बाद आर्यन तिवारी ने एक और प्रेरणादायक फिल्म बनाई, जो बिलासपुर के तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का पोस्टर लॉन्च प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने किया,यह फिल्म अभी तक 10 से अधिक मंचों पर पुरस्कृत की जा चुकी है।
आर्यन यही नहीं रुके उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बिलासपुर पुलिस के सहयोग से कानून, सड़क सुरक्षा और नशामुक्ति जैसे गंभीर विषयों पर 20 से अधिक लघु फिल्मों का निर्माण किया जिनमें अपहरण, रक्षासूत्र, निजात, हेलमेट है जरूरी, Don’t U Turn, लाइफ लाइन, फैमिली, Zero फायर, BNS, साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, चेतना सांग्स , नशा, ब्लाइंड, 2 सेकंड, ड्राइविंग लाइसेंस, रोड एक्सीडेंट, दिवाली, रक्षाबंधन और फर्ज़ सहित लघु फिल्में शामिल हैं ।

हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट फिल्म फेस्टिवल में आर्यन तिवारी की फिल्मों ने एक बार फिर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई ।हाईकोर्ट के जस्टिस की मौजूदगी में आयोजित इस समारोह में “जमीन” को प्रथम पुरस्कार और “बेटी” को तृतीय स्थान मिला। तीन पुरस्कारों में से दो पुरस्कार आर्यन तिवारी को मिले ।
इसके साथ ही उन्होंने “एग्जाम प्रेशर” पर आधारित शॉर्ट फिल्म का पोस्टर लॉन्चिंग कर शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई ।

आर्यन तिवारी की यह उपलब्धियाँ ना सिर्फ बिलासपुर छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय हैं। समाज के अहम मुद्दों को लघु फ़िल्मों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने के काम में लगे हुए है ,हाल ही में उन्हें बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के समापन समारोह में एसएसपी बिलासपुर रजनेश सिंह ने बैज़ लगा कर सम्मानित किया।इस दौरान आर्यन काफ़ी ख़ुश नज़र आये और कहा कि “चेतना मित्र” सिर्फ एक बैज नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का प्रतीक है।

प्रधान संपादक