बिलासपुर। बीजापुर जिला के जनपद माध्यमिक शाला बीजापुर में पदस्थ शिक्षक और प्रभारी मंडल संयोजक कैलाश चंद्र रामटेके को कलेक्टर बीजापुर द्वारा निलंबित करते हुए विभागीय जांच हेतु जारी आरोप पत्र को माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए रोक लगा दी है।
कैलाश चंद्र रामटेक शिक्षक एलबी जनपद माध्यमिक शाला बीजापुर को विभागीय आश्रम छात्रावास के संचालन व्यवस्था हेतु प्रभारी मंडल संयोजक विकासखंड बीजापुर में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था। कैलाश चंद्र रामटेक के द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों से पैसे लेनदेन ऑडियो वायरल होने पर कलेक्टर बीजापुर द्वारा 15 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया तथा विभागीय जांच हेतु आरोप पत्र 20 सितंबर 2024 को जारी कर दिया गया था।
निलंबन आदेश और आरोप पत्र को चुनौती देते हुए कैलाश चंद्र रामटेक ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई जस्टिस बी.डी.गुरू के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का मूल पद शिक्षक एलबी है और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 अनुसूची-1 के तहत शिक्षक एलबी की नियुक्ति नियुक्तिकर्ता अधिकारी संयुक्त संचालक है। नियुक्तिकर्ता अधिकारी ही निलंबित कर सकता है। आरोप पत्र सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बीजापुर द्वारा जारी किया गया है। कलेक्टर व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास याचिकाकर्ता के नियुक्तिकर्ता अधिकारी नहीं है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कलेक्टर बीजापुर द्वारा जारी निलंबन आदेश तथा विभागीय जांच हेतु जारी आरोप पत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।

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