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July 26, 2025 3:47 pm

रसूखदार कांस्टेबल पुलिस कप्तान के रसूख पर लगा रहे बट्टा, सवाल यह भी कि अदना सा आरक्षक किसके दम पर कर रहे हैं दावा

बिलासपुर छत्तीसगढ़।बिलासपुर जिले की पोलिसिंग और पुलिस प्रशासन की चर्चा इन दिनों छत्तीसगढ़ से निकलकर महाराष्ट्र तक होने लगी है। कारण भी साफ है। एसएसपी रजनेश सिंह ने ड्रग माफिया और पैडलर के खिलाफ जो अभियान चलाया है वह आजतलक बिलासपुर जिले में कहीं नजर नहीं आया है। मुंबई सफेमा कोर्ट से आदेश भी जारी हुआ। एसएसपी की मंशा साफ दिखाई दे रही है कि युवा पीढ़ी को करियर बनाने का पूरा मौका मिले। नशे की आदत डालने वालों को जेल डाल रहे हैं और नशे से कमाई संपत्तियों को राजसात करा रहे हैं। इन सब काम के बीच विडंबना ये कि जिला मुख्यालय में कुछ ऐसे थाने हैं जहां खटराल कांस्टेबल वर्षों से अंगद की पांव की तरह जमे हुए हैं। ऐसा नहीं कि एसएसपी कार्यालय से तबादला आदेश जारी नहीं होता।तबादला आदेश जारी होने के महज कुछ ही दिनों वे फिर वहीं आ धमकते हैं।


ये ऐसे खटराल कांस्टेबल हैं जिनका रसूख सुनकर आप भी चौंके बिना नहीं रह पाएंगे। सत्ता के गलियारे में इनकी सीधी पहुंच है। तभी तो इनकी जुबान भी इसी अंदाज में खुलती है। सुनने वालों का तो यहां तक कहना है कि इन कांस्टेबलों को अपने आला अफसरों का खौफ ही नहीं है। तबादले को लेकर ये पूरी तरह निश्चिंत रहते हैं। कहते भी सुने जाते हैं कि बस एक फोन की जरुरत है, फोन आते ही हम जहां चाहें उसी थाने में नौकरी करते दिखाई देंगे। इनके दावों में दम भी नजर आता है। हो भी यही रहा है।

गौर करे बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह का भी कुछ चुनिंदा कांस्टेबलों के मामले में हाथ बंधा सा दिखाई देता है। या यूं कहें कि सत्ता के गलियारे में ऊंची पहुंच रखने वाले रसूखदा कांस्टेबलों के मामले में उनकी नहीं चल रही है।

सिविल लाइन, सिरगिट्टी और तारबाहर ये तीन थाने जहां कुछ अलग ही वाकया

सिविल लाइन, सिरगिट्टी और तारबाहर ये जिला मुख्यालय के तीन प्रमुख थाने हैं। जहां भीतर ही भीतर कांस्टेबलों की चलती है। तबादला से इनको फर्क भी नहीं पड़ता। चर्चा तो इस बात की भी है कि यहां सब-कुछ सेटिंग के जरिए होता है। कांस्टेबलों का जलवा ऐसा कि सब-कुछ इनके इशारे पर ही होता है। राजधानी रायपुर से लेकर सत्ता के गलियारे में महत्वपूर्ण स्थान रखने वालों का वरदहस्त भी बताया जाता है।

लाइन अटैच के बाद ,सट्टा कनेक्शन में फंसे आरक्षक की बड़ी बात: ‘एक फोन इधर से, एक उधर से…काम हो जाएगा

सट्टा कारोबारियों से सांठगांठ और लाखों रुपये की वसूली के आरोप में हाल ही में लाइन अटैच किए गए आरक्षक का बयान अब नई हलचल मचा रहा है। विभागीय कार्रवाई के बाद भी आरक्षक के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं। उसका कहना है, “कुछ दिन वेट कर लेते हैं, फिर जहां जाना है वहां पहुंच जाएंगे। एक फोन इधर से और एक फोन उधर से, काम अपने आप हो जाएगा।”

आरक्षक की इस बात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ‘इधर’ और ‘उधर’ से उसका इशारा किन पर है, इसे समझना मुश्किल नहीं। सूत्रों की मानें तो आरक्षक को राजनीतिक और विभागीय संरक्षण का पूरा भरोसा है। यही वजह है कि लाइन अटैच होने के बाद भी वह बेपरवाह नजर आ रहा है।

बता दें कि तारबाहर थाना क्षेत्र में सट्टा खाईवालों पर शिकंजा कसने के बजाय कुछ पुलिसकर्मियों पर उनसे मिलीभगत के आरोप लगातार लगते रहे हैं। हालिया कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है। पर अब जिस तरह से आरक्षक के कथित बयान सामने आए हैं, उससे पुलिस महकमे की साख पर फिर सवाल उठने लगे हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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