बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।छत्तीसगढ़ के निवृतमान डीजीपी अशोक जुनेजा की जगह राज्य सरकार ने आईपीएस अरुण देव गौतम को अस्थाई डीजीपी के रूप में नियुक्ति दी है। यूपीएसी ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को लेकर डीपीसी प्रारंभ कर दी है। छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी के दौड़ में अरुण देव गौतम के अलावा पवन देव व जीपी सिंह शामिल हैं। छत्तीसगढ़ की राजनीति जिस अंदाज में चल रही है और जिस अंदाज में सुरक्षा बल नक्सली नेताओं को मौत के घाट उतार रहे हैं,इसका क्रेडिट डीजीपी गौतम को भी मिल रहा है। हालांकि माओवादियों पर अंकुश लगाने, आत्म समर्पण करने और मौत के घाट उतारने को लेकर केंद्र सरकार लगातार अभियान चला रहा है। केंद्र के निर्देश और टारगेट पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने दमदारी दिखाई है और टारगेट को पूरा करते भी नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके को नक्सलियों से मुक्त करने के अभियान में पुलिस और सुरक्षा बलों का साझा अभियान अब रंग लाने लगा है। माना जा रहा है कि यूपीएससी की डीपीसी और छत्तीसगढ़ के स्थाई डीजीपी की नियुक्ति में अरुण देव गौतम आगे निकलते दिखाई दे रहे हैं।




जाने एडी गौतम को



अरुण देव गौतम मूलतः उत्तरप्रदेश के कानपुर के रहने वाले है। एमए, एमफिल की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने है। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक, भारतीय पुलिस पदक व संयुक्त राष्ट्र पुलिस पदक भी मिल चुका है। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को कानपुर के पास स्थित उनके गांव अभयपुर में हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को अशोक जुनेजा की जगह नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है।


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