Explore

Search

June 18, 2025 10:18 am

R.O.NO.-13250/13

R.O.NO.-13250/13

ऑपरेशन अंकुश,22 साल से फरार लूट का आरोपी झारखंड से गिरफ्तार, सरपंच पति बनकर छुपा रहा था अपनी पहचान


जशपुर पुलिस का ऑपरेशन अंकुश सफल, झोला छाप डॉक्टर बनकर जी रहा था फरार आरोपी, भेजा गया जेल

जशपुर छत्तीसगढ़ ।वर्ष 2002 में बगीचा क्षेत्र में हुई लूट की एक बड़ी वारदात के आरोपी को जशपुर पुलिस ने 22 साल बाद झारखंड के गढ़वा जिले से गिरफ्तार कर लिया है। ऑपरेशन अंकुश के तहत फरार अपराधियों की धरपकड़ में जुटी पुलिस टीम ने इस वारंटी को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी सुहेल उर्फ शोएब उर्फ गयासुद्दीन अंसारी गिरफ्तारी से बचने के लिए न केवल पहचान छिपाकर रह रहा था, बल्कि राजनीतिक रसूख भी बना लिया था। उसकी पत्नी गांव की सरपंच है और वह खुद गांव में झोला छाप डॉक्टर के रूप में सक्रिय था।

पुलिस के अनुसार, आरोपी सुहेल अंसारी पिता कबीर शेख अंसारी, उम्र 46 वर्ष, ग्राम आदर, थाना बरडीहा, जिला गढ़वा (झारखंड) का निवासी है। वर्ष 2002 में थाना बगीचा क्षेत्रांतर्गत ग्राम गुरुमहाकोना निवासी एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 17 नवंबर 2002 को वह अपनी कमांडर जीप से गांव लौट रहा था, तभी रास्ते में वेदों नाला पुलिया के पास तीन लुटेरों ने देशी कट्टा की नोक पर उसे और उसके साथियों को मारपीट कर 42 हजार लूट लिए थे। इस मामले में बगीचा पुलिस ने धारा 394, 397 भादवि व 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जांच में आरोपी सुहेल अंसारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इनमें से एक आरोपी अरुण नायडू को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि दूसरा आरोपी नंदलाल की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, सुहेल अंसारी 2003 में जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था और तब से फरारी की जिंदगी जी रहा था।

फरार होने के बाद आरोपी ने झोला छाप डॉक्टर बनकर अलग-अलग जगहों पर रहना शुरू कर दिया। बाद में झारखंड के गढ़वा जिले के ग्राम आदर में बस गया। यहां उसने सामाजिक और राजनीतिक पकड़ भी बना ली। उसकी पत्नी को गांव का सरपंच बना दिया गया और वह खुद एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में पहचान बनाने लगा। एसएसपी शशि मोहन सिंह के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन अंकुश के तहत जशपुर पुलिस ने सुहेल की लोकेशन ट्रेस की और गढ़वा पुलिस के सहयोग से टीम रवाना की। जब पुलिस आरोपी के घर पहुंची तो उसने सरपंच पत्नी के रसूख का हवाला देते हुए गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की और दरवाजा बंद कर लिया, लेकिन पुलिस की सख्ती के सामने वह टिक नहीं सका और अंततः उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे वापस लाकर स्थायी वारंट तामील करते हुए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी बगीचा निरीक्षक संतलाल आयाम, एएसआई उमेश प्रभाकर, आरक्षक मुकेश पांडेय और उमेश भारद्वाज की अहम भूमिका रही।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS