निरीक्षक प्रसाद सिन्हा को रेंज साइबर पुलिस थाने का प्रभार
सरगुजा छत्तीसगढ़ ।धोखाधड़ी के आरोपी की पत्नी से आरोपी पति के खिलाफ मामला कमजोर करने के एवज में चार लाख रुपये रिश्वत मांगने और आला अफसरों की अनुमति के बगैर हवाई यात्रा के आरोप की पुष्टि के बाद आईजी बिलासपुर रेंज ने कलीम खान को टीआई से डिमोट कर एसआई बनाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद एसआई कलीम खान पर विभाग का दोहरा मार पड़ गया है। आईजी बिलासपुर रेंज के आदेश के बाद आईजी सरगुजा रेंज ने रेंज सायबर थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ कलीम खान को सायबर सेल प्रभारी से हटाते हुए मूल पदस्थापना में भेज दिया है।

आईजी सरगुजा रेंज ने अपने आदेश में लिखा है कि इस कार्यालय को 07.10.2023 के माध्यम से निरीक्षक कलीम खान, मूल पदस्थापना जिला सरगुजा को रेंज सायबर थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ किया गया था। निरीक्षक कलीम खान को विभागीय जांच के पश्चात आईजी बिलासपुर रेंज के 01.05.2025 को आदेश के उपनिरीक्षक के पद पर डिमोशन किया गया है, क्योंकि उनके विरूद्ध लगाए गए आरोप प्रमाणित पाए गए हैं।
निरीक्षक कलीम खान के डिमोशन की सूचना पुलिस अधीक्षक, जिला सरगुजा द्वारा 10.05.2025 को कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने पर उप निरीक्षक कलीम खान को उनके मूल पदस्थापन रक्षित केन्द्र, अम्बिकापुर, जिला सरगुजा में वापस किया जाता है तथा निरीक्षक प्रसाद सिन्हा, मूल पदस्थापन जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, ड्यूटीरत रेंज साइबर पुलिस थाने को रेंज साइबर पुलिस थाने का प्रभार सौंपा जाता है।
क्या है मामला

धोखाधड़ी के आरोपी को अपने कस्टडी में रखना और पत्नी से बेजा रुपयों की मांग करने के आरोप में टीआई कलीम खान को आईजी संजीव शुक्ला बिलासपुर रेंज ने एक साल के लिए डिमोट करते हुए इंस्पेक्टर से सब इंस्पेक्टर बना दिया है। आईजी द्वारा जारी आदेश में साफ किया है कि इस आदेश का प्रभाव उसके भविष्य की परिलब्धियों और पेंशन इत्यादि पर भी पड़ेगा। कलीम खान 01.09.2008 को सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती मिली थी। 18 साल बाद एक बार फिर वह उसी पद पर पहुंच गया है जहां उसकी भर्ती हुई थी। ऐसा इसलिए कि पुलिस कंडक्ट रुल्स का उन्होंने दुरुपयोग किया है और अधिकारों का बेजा इस्तेमाल भी करने का आरोप है।
निरीक्षक मो. कलीम खान 01.09.2008 को उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हुआ तथा वर्तमान पद पर 27.03.2015 को पदोन्नत हुआ है, उसे अब तक की सेवा अवधि में कुल 199 ईनाम और 16 छोटी सजाएं मिली है। अतः इस विभागीय जाँच प्रकरण में समग्र विचारोपरांत निरी. मो. कलीम खान को विभागीय जाँच में उसके विरूद्ध प्रमाणित आरोपों के लिए उसे आदेश जारी दिनांक से उसके वर्तमान धारित पद निरीक्षक से उप निरीक्षक के पद पर 01 वर्ष के लिये पदावनत किये जाने की दीर्घशास्ति से दण्डित किया जाता है, जिसका प्रभाव उसके भविष्य की परिलब्धियों और पेंशन इत्यादि पर भी पड़ेगा।
एडिशनल एसपी अर्चना झा की जांच रिपोर्ट में टीआई कलीम खान को धोखाधड़ी के आरोपी को अपने कस्टडी में रखना और पत्नी से बेजा उगाही करने का गंभीर आरोप है। जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि पीड़िता द्वारा लगाई गए चार में से तीन आरोप सही है। पीड़िता ने टीआई पर दैहिक शोषण का आरोप लगाई थी जो जांच में प्रमाणित नहीं हुआ,अन्य आरोप सही पाए गए ।
पीड़िता ने टीआई के खिलाफ इन बिंदुओं पर की थी शिकायत
- मो. जिया उल हक को बिना किसी अपराध पंजीयन के 17.12.2020 को अभिरक्षा में लेकर 19.12.2020 को 02:46 बजे थाना कोनी में अपराध पंजीबद्ध करने के उपरांत 23.12.2020 तक अवैधानिक रूप से अभिरक्षा में रखकर कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतकर अपनी उत्तम योग्यताओं का उपयोग न कर पुलिस रेग्युलेशन की कंडिका 64(2) एवं 756 का उल्लंघन करना।”
- आवेदिका अर्चना श्रीवास्तव को उसके पति मो. जिला उल हक को अभिरक्षा से छोड़ देने का प्रलोभन देकर अवैध पारितोष प्राप्त कर पुलिस रेग्युलेशन की कंडिका 64 (10) का उल्लंघन करना।
- बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किये वायुमार्ग से दिल्ली से मुम्बई जाकर स्वेच्छाचारिता प्रदर्शित कर पु.रे. की कंडिका 64 (4) का उल्लंघन करना।
- आवेदिका अर्चना श्रीवास्तव के दिल्ली से बिलासपुर आने पर अनावश्यक संवाद कर पुलिस पदाधिकारी के रूप में पदीय गरिमा के विपरीत कार्य कर पुलिस रेग्युलेशन की कंडिका 64(2) का उल्लंघन करना।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन