बिलासपुर। रेलवे में क्लर्क की नौकरी दिलाने का झांसा देकर डीआरएम कार्यालय में पदस्थ एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने दंपती से 10 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ितों की ओर से थाने में शिकायत के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर अब सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी इंजीनियर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

यह मामला मंगला स्थित गंगानगर में रहने वाले व्यवसायी चंद्रविजय सिंह (44) और उनकी पत्नी नेहा सिंह से जुड़ा है। चंद्रविजय सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी पहचान रेलवे के बंगला यार्ड क्षेत्र में रहने वाले हेलन कुमार साहू से थी, जो डीआरएम कार्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। पारिवारिक संबंध होने के कारण हेलन का उनके घर आना-जाना था। अक्टूबर 2019 में एक बातचीत के दौरान हेलन ने नेहा की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी ली। नेहा ने बताया कि वह अच्छी पढ़ाई के बावजूद नौकरी नहीं कर पा रही हैं और यदि अवसर मिला तो वह जरूर नौकरी करना चाहेंगी।
इसी बात का फायदा उठाते हुए हेलन कुमार ने दावा किया कि उसकी रेलवे में ऊंचे पदस्थ अधिकारियों से जान-पहचान है और वह नेहा को क्लर्क की नौकरी दिला सकता है। कुछ दिन बाद उसने कहा कि रेलवे में वैकेंसी आने वाली है, इसलिए नेहा को फार्म भरने और जरूरी दस्तावेज तैयार रखने को कहा। एक महीने के भीतर ही उसने नेहा से शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करवा लिए और इंटरव्यू से पहले 10 लाख रुपये की मांग की।
कोविड के कारण प्रक्रिया कुछ समय के लिए रुकी रही, लेकिन जून 2022 में हेलन ने चंद्रविजय से अलग-अलग किस्तों में कुल 10 लाख रुपये ले लिए। इसके बावजूद नेहा को नौकरी नहीं मिली और जब दंपती ने कारण जानना चाहा, तो हेलन टालमटोल करता रहा। आखिरकार जब उन्होंने पैसे लौटाने की मांग की, तो इंजीनियर ने साफ इनकार कर दिया।
इसके बाद चंद्रविजय सिंह ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने इसे आपसी लेन-देन का मामला बताकर कार्रवाई करने से मना कर दिया और उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दी। तब पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद पुलिस को आरोपी इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए।
न्यायालय के आदेश के पालन में सिविल लाइन पुलिस ने हेलन कुमार साहू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पीड़ितों से दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन