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May 9, 2025 11:46 pm

जिंदा लोगों को मृत बताकर ली बीमा राशि, नई पालिसी लेते ही फर्जीवाड़ा उजागर

बिलासपुर। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की सीएबी शाखा मगरपारा में एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जिसमें बीमा एजेंट की मिलीभगत से जिंदा लोगों को मृत दिखाकर बीमा राशि हड़प ली गई। बाद में उन्हीं नामों से नई पालिसियां जारी कर फिर से धोखाधड़ी की गई। एलआईसी की आंतरिक जांच में इस घोटाले का खुलासा हुआ, जिसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने तीन एजेंटों समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



एलआईसी के शाखा प्रबंधक अलबन टोप्पो ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि फर्जीवाड़े की शुरुआत मस्तूरी के ओखर निवासी संतोषी साहू की बीमा पालिसी से हुई। तीन साल बाद संतोषी के पिता नंद कुमार साहू ने उसकी मौत का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर बीमा राशि का दावा किया। उन्हें करीब छह लाख रुपये की मृत्यु दावा राशि मिल गई। कुछ समय बाद संतोषी के नाम से दोबारा पालिसी ली गई, जिससे एलआईसी अधिकारियों को संदेह हुआ। जांच में पाया गया कि संतोषी जिंदा है और पूर्व में प्रस्तुत किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी था।
इसी तरह ममता पांडेय, बबला पांडेय, ईश्वर पांडेय और शिवकुमार पांडेय के नाम पर भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर पांच से आठ लाख रुपये तक के मृत्यु दावे किए गए। बाद में उन्हीं नामों से नई बीमा पालिसियां ली गईं। एलआईसी की आंतरिक जांच में यह सामने आया कि यह पूरा खेल एजेंटों की मिलीभगत से हुआ है।
शाखा प्रबंधक ने बताया कि एजेंट नरेश अग्रवाल, राजेश कुमार शर्मा और राशि सखूजा की भूमिका इस फर्जीवाड़े में संदिग्ध पाई गई है। उनके माध्यम से ही पालिसियां जारी करवाई गईं और मृत्युदावे किए गए। एलआईसी ने संबंधित एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
फिलहाल पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश रचने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एलआईसी के अधिकारी मामले की विस्तृत जानकारी पुलिस को सौंप चुके हैं और दस्तावेजी प्रमाण भी एकत्रित किए जा रहे हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन

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