स्वच्छ छवि के डीजी अरुण देव गौतम क्या सिस्टम को सुधार पायेगे या फिर जैसा चल रहा है वैसे ही चलेगा ,बड़ी उम्मीदे है उनसे आम जनता को
रायपुर छत्तीसगढ़ ।हाल के दिनों में पुलिस का दो चेहरा सामने आया है। एक भिलाई में और दूसरा राजनादगांव में। दोनों ही चेहरा भयावह और डरावना है। भयावह और डरावना सीन इसलिए कि पुलिस अपने चिरपरिचित स्लोगन देश भक्ति जन सेवा से बहुत दूर निकलते दिखाई दे रही है। राजनादगांव जिले की जो तस्वीर उभरकर सामने आई है वह तो और भी डरावना है। दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले फौजी का परिवार पुलिस से हार गया। हारा सो अलग दुखद ये कि फौजी का भाई अपनी मां को कंधा नहीं दे पाया। टीआई ने तस्करी में फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूल लिए। यह तरीका अपने आप में शर्मनाक है।ऐसे मामलों में डीजी को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रदेश में पुलिस की छवि धूमिल होने से बचाया जा सके ।

राज्य सरकार के सुशासन तिहार को इस तरह के मामलों से धक्का और बट्टा दोनों ही लगा है। खेती-किसानी के लिए दो बैल खरीद कर महाराष्ट्र ले जा रहे युवक को पुलिस ने रोककर न केवल मवेशी तस्करी के नाम पर परेशान किया और एक लाख रुपये की वसूली कर ली। पैसे की व्यवस्था करने में उनको इतना समय लगा कि मां की अर्थी को कंधा भी नहीं दे पाया।
मामला पीएचक्यू पहुंचा। अचरज की बात ये कि एसपी को इस बात की जानकारी होने के बाद भी रिश्वतखोर व अमानवीय हरकत करने वाले टीआई और सिपाही को अभयदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बचाते रहे अब सरकार या सरकार के पुलिस विभाग के मुखिया कहा कहा ध्यान दे ,संज्ञान में आया प्रदेश के डीजीपी अरुणदेव गौतम के (पीएचक्यू ) के दबाव में टीआई और हवलदार को निलंबन की सजा मिली।लेकिन एसपी भी PHQ के आदेश का इंतज़ार करते रहे ए अच्छी बात नहीं थी ,मामला संज्ञान में आते ही एसपी को कार्यवाही करनी थी ,क्यों नहीं किए ए उनके विवेक की बात है लेकिन ऐसे मामले बहुत कुछ इशारा करते है ,

मोहला-मानपुर जिले के चिल्हारी थाने की पुलिस ने महाराष्ट्र के फौजी परिवार के साथ कुछ इस तरह का व्यवहार किया कि उसे जीवनभर पुलिस की यह हरकत सालती रहेगी। महाराष्ट्र के फौजी परिवार का सदस्य मोहला-मानपुर से खेती-किसानी के लिए एक जोड़ी बैल खरीदा था। उसे पिकअप गाड़ी में अपने गांव लेकर जा रहे थे, तभी चिल्हारी पुलिस की नजर पड़ गई।
पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मवेशी तस्करी के केस में फंसाने के नाम पर एक लाख रुपए रिश्वत मांगा, रुपये नहीं देने पर जेल भेज की धमकी दी। पीड़ित युवक की मां के देहावसान के बाद पुलिस की वसूली की खबर गरमाने लगी तो चिल्हारी पुलिस के लोग युवक के गांव जाकर एक लाख रुपए वापस कर आए।
सटोरिए की आलीशान पार्टी में पुलिस के आला अफसर
यह घटना तो सिस्टम को शर्मशार करने वाली है। भिलाई के पॉश कालोनी में महादेव सट्टा एप के फरार सटोरिए धर्मेंद्र जायसवाल ने आलीशान पार्टी दी थी। पार्टी में एडिशनल एसपी, एक टीआई व एक एसआई बडे शान से शामिल हुए। सटोरिए की पार्टी में पुलिस अफसरों ने जाम भी छलकाया और सटोरिए व उसके आरोपी भाई के साथ फोटो सेशन में भी शामिल हुए। पुलिस अफसरों की इस करतूत का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म में तेजी के साथ वायरल हुआ। डीजीपी ने एक्शन लिया और टीआई व एसआई को पीएचक्यू में अटैच कर दिया है।,लेकिन अब लोग डीजीपी की इस कार्यवाही पर भी सवाल उठा रहे है की छोटे तो निपट गए लेकिन एएसपी पर कोई कार्रवाई क्यो नहीं हुई,क्या पुलिस प्रशासन का सिस्टम इतना कमजोर है । सटोरिए की आलीशान पार्टी में मेहमान बनकर पहुंचे एडिशनल एसपी का क्या होगा यह तो डीजीपी ही तय करेंगे। सुशासन तिहार के दौरान जिस तरह की यह तस्वीर उभरकर सामने आ रही है वह किसी भी मायने में अच्छी नहीं कही जा सकती।इस तरह की घटनाएं जहाँ पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है वही सुशासन तिहार पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा कर रही है ।इसे सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है ।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन