टीबी उन्मूलन में युवाओं की भागीदारी विषय पर नेहरू युवा केन्द्र बागपत ने जागरूकता संगोष्ठी का किया आयोजन
बड़ौत में विश्व टीबी दिवस पर युवाओं को मिला स्वास्थ्य का मंत्र: नशा छोड़ स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ने का आह्वान
एक दिवसीय स्वास्थ्य जागरूकता संगोष्ठी में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताए टीबी और नशे से बचाव के उपाय, युवाओं ने लिया संकल्प
बड़ौत (बागपत), भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की इकाई नेहरू युवा केन्द्र (माय भारत) बागपत द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य में क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान, बड़ौत में एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य युवाओं और महिलाओं को टीबी (क्षय रोग) के प्रति जागरूक करना और समाज में इसके उन्मूलन में युवाओं की भूमिका को रेखांकित करना था। इस वर्ष की थीम “हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्ध, निवेश, उद्धार” को केंद्र में रखते हुए, प्रतिभागियों को टीबी से बचाव, उपचार और रोकथाम के उपायों की जानकारी दी गई।

संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह, नेहरू युवा केन्द्र बागपत के उप निदेशक अरुण तिवारी, और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विभाष राजपूत, प्रशिक्षक सचिन चिकारा मौजूद रहे।

नेहरू युवा केन्द्र के उप निदेशक अरुण तिवारी ने युवाओं को भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे उपयोगी कार्यक्रमों जैसे मेरा युवा भारत, मिशन लाइफ, स्वच्छ भारत अभियान और अन्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को सामाजिक विकास में सहभागी बनने और समाज सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह ने युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को सामाजिक बदलाव का वाहक बनना चाहिए और समाज को नशा मुक्त बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

सीएचसी बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विभाष राजपूत ने टीबी के लक्षणों, बचाव और उपचार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, लगातार वजन घटना, हल्का बुखार, हड्डियों में दर्द, त्वचा का रंग बदलना और पाचन संबंधी समस्याएं टीबी के सामान्य लक्षण हैं। उन्होंने युवाओं को मौसमी फल खाने, जंक फूड से बचने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और किशोरावस्था में संगत का चुनाव सोच-समझकर करने का आह्वान किया।

संत मैरी इंटर कॉलेज रटौल के प्रवक्ता सचिन चिकारा ने युवाओं को मानसिक तनाव, नशा मुक्ति और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष सत्र के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों और उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की। चिकारा ने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रहकर अपने करियर और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। युवा जनसेवक नीतीश भारद्वाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। मजबूत इच्छाशक्ति, सही मार्गदर्शन और सकारात्मक सोच से व्यक्ति नशे की लत से मुक्त होकर एक नई और बेहतर जिंदगी की शुरुआत कर सकता है।

प्रतिभागियों ने अपने प्रश्न भी पूछे। कार्यक्रम में शामिल युवा स्वयंसेवकों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टीबी मुक्त भारत, नशा मुक्त समाज और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे टीबी के खिलाफ जागरूकता अभियान में सक्रिय सहयोग करेंगे और समाज में स्वास्थ्य संबंधी मिथकों को दूर करने का प्रयास करेंगे। माय भारत स्वयंसेवक अमन कुमार ने माय भारत पोर्टल पर युवाओं को पंजीकृत कराया।

इस जागरूकता संगोष्ठी में युवाओं को न केवल टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और वक्ताओं ने युवाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़कर समाज सेवा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण के दौरान महिपाल सिंह, समाजसेवी सुरेंद्र मलनिया, स्वयंसेवक नीतीश भारद्वाज, गुलफ़्सा राजपूत, अभिषेक, डिंपल कश्यप, प्रिया, साहिल, वैभव, तरुण, अंकित, फिरदौसी, वर्षा आदि मौजूद रहे।

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