छत्तीसगढ़ के सिनेप्रेमियों के लिए इस साल का सबसे बड़ा तोहफा आने वाला है। 12 सितंबर को छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में एक दमदार क्राइम थ्रिलर फिल्म “खारून पार” रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म को लेकर प्रदेशभर में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में क्राइम थ्रिलर शैली की नई शुरुआत मानी जा रही है। लंबे समय से प्रेम कहानियों और पारिवारिक ड्रामों तक सिमटी छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री अब थ्रिल, सस्पेंस और सच्ची घटनाओं की ओर एक नया कदम बढ़ा रही है।
फिल्म “खारून पार” का निर्माण इनसाइड मी ओरिजनल्स बैनर के तहत किया गया है। इनसाइड मी ओरिजनल्स ने इससे पहले छत्तीसगढ़ की सबसे चर्चित वेब सीरीज “सरकारी अफसर” बनाई थी, जिसे YouTube पर लाखों दर्शकों ने देखा था। इस बार भी उन्होंने दर्शकों को कुछ नया और रोमांचक देने का प्रयास किया है। फिल्म की कहानी रायपुर की प्रसिद्ध खारून नदी और महादेव घाट के रहस्यमय वातावरण पर आधारित है, जो एक सस्पेंस और थ्रिल से भरपूर यात्रा का वादा करती है।
फिल्म के डायरेक्टर दिव्यांश सिंह एवम् साईं भरत एन.ई.टी रायपुर के पूर्व छात्र है। ये सभी युवा प्रतिभाशाली फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और अब छत्तीसगढ़ की पहचान बढ़ाने के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस फिल्म की पूरी टीम – स्टारकास्ट से लेकर क्रू मेंबर्स तक – युवा हैं, जो अपने जोश और नए आइडियाज से छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नया आयाम देने का लक्ष्य रखते हैं।
फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका कहानी-केंद्रित नरेटिव। पारंपरिक प्रेम कथाओं से हटकर “खारून पार” सस्पेंस, अपराध और मनोवैज्ञानिक तत्वों से भरपूर एक नई कहानी प्रस्तुत करती है। क्रांति दीक्षित द्वारा निभाया गया नकारात्मक किरदार दर्शकों के दिल में उतरने का दावा करता है। इसके साथ ही फिल्म महादेव घाट जैसे रहस्यमय लोकेशनों पर शूट की गई है, जो कहानी में और भी गहराई भरती है। शूटिंग के दौरान स्थानीय वातावरण का भरपूर उपयोग किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ की खूबसूरत लेकिन रहस्यमयी छवि को भी पर्दे पर प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म में उठाए गए सवालों में से एक यह है कि क्या “खारून पार” किसी सच्ची घटना पर आधारित है? मेकर्स ने अभी इस पर खुलासा नहीं किया है, जिससे दर्शकों में और भी उत्सुकता बनी हुई है। हालांकि, फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम और चरित्रों की गहराई इस बात की ओर इशारा करती है कि कहानी वास्तविक घटनाओं से प्रेरित हो सकती है।
फिल्म के रिलीज होते ही यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ी दर्शक इसे किस नजरिए से लेते हैं। खासकर युवा वर्ग के लिए यह एक नया अनुभव है, क्योंकि यह पूरी तरह से यंग स्टारकास्ट और नयी कहानियों का मेल है। उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि “खारून पार” सफल होती है, तो यह छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में क्राइम थ्रिलर का नया दौर शुरू कर सकती है।
“खारून पार” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के सिनेमा प्रेमियों के लिए उम्मीदों से भरी एक नई कहानी है, जो एक अलग रंग में प्रदेश की सिनेमा परंपरा को सजाने का प्रयास करती है। 12 सितंबर को सिनेमाघरों में धमाका तय है।

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