बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट ने कोंडागांव के अंतरराज्यीय बस स्टैंड की बदहाली को लेकर दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस दाैरान डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई। नाराज कोर्ट ने सचिव नगरीय प्रशासन से व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
राज्य शासन ने कोंडागांव में 6.51 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराज्यीय बस स्टैंड का निर्माण किया है। निर्माण के बाद बीते दो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। सुरक्षा व रखरखाव ना होने के कारण करोड़ों की लागत से बने बस स्टैंड असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। शराबखोरी, स्टंटबाजी और अवैध गतिविधियां खुलेआम चल रही हैं। सीसीटीवी निगरानी की कमी के कारण अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। कोर्ट ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया।

डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जिम्मेदारअधिकारियों द्वारा पेश किए जाने वाले जवाबों की समीक्षा की जाएगी और बस स्टैंड को चालू करने की दिशा में उठाए गए कदमों पर चर्चा होगी।
सचिव और नगर निगम कमिश्नर को पेश करना होगा शपथ पत्र के साथ जवाब
डिवीजन बेंच ने सचिव नगरीय प्रशाासन व कोंडागांव नगर निगम कमिश्नर को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने सचिव से पूछा है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए बस स्टैंड को यूं ही उपेक्षित क्यों छोड़ दिया है। बस स्टैंड के संचालन को लेकर सरकार की कार्ययोजना को लेकर स्पष्ट जानकारी देने की बात कोर्ट ने कही है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief