Explore

Search

September 12, 2025 11:56 am

R.O. N0.17

Advertisement Carousel

श्री नारायणा अस्पताल में आयकर सर्वे में 45 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला उजागर,11 करोड़ अग्रिम कर जमा करने के निर्देश


नकद लेन-देन छुपाने और फर्जी खर्च दिखाने का मामला

रायपुर। रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल पर आयकर विभाग की मूल्यांकन शाखा द्वारा की गई सर्वे कार्रवाई में 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। अस्पताल संचालक डॉ. सुनील खेमका ने पूछताछ के दौरान आयकर अधिकारियों के सामने स्वीकार किया स्वीकार किया कि टैक्स बचाने के लिए नकद प्राप्तियों को छुपाया गया और खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। गौर तलब हो कि आयकर विभाग की बीते पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में सर्वे के दौरान मिली सबसे बड़ी टैक्स चोरी की रकम है।

मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाऊ के निर्देशन में यह ऑपरेशन 48 घंटे तक चला। संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में 26 सदस्यीय टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।इस टीम में आठ सशस्त्र पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया था ताकि सर्वे के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति ना पैदा हो ।

इस संबंध में इनकम टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, श्री नारायणा अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील खेमका ने पूछताछ में स्वीकार टैक्स की गड़बड़ी को स्वीकार किया है ।विभाग ने डॉ खेमका के खिलाफ 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है।इनकम टैक्स विभाग ने 11 करोड़ अग्रिम कर जमा करने का निर्देश दिया हैं। इसके अलावा, इनकम टैक्स विभाग अतिरिक्त दंड और ब्याज की गणना कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

सूत्रों बताते है कि श्री नारायणा अस्पताल पर पिछले कई महीनों से नजर रखी जा रही थी। आयकर अधिकारियों ने लेन-देन, आय-व्यय के रिकॉर्ड और अस्पताल के वित्तीय दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन किया। सर्वे के दौरान सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन को छुपाया गया और फर्जी खर्चे जोड़कर कर देयता को कृत्रिम रूप से कम दिखाया।

जांच में ऐसे दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिले हैं जो स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझकर वित्तीय रिकॉर्ड में हेरफेर किया। “अस्पताल के लेखांकन में बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग और काल्पनिक खर्चों का समावेश किया गया था, जिसका उद्देश्य कर चोरी करना था।” एक अधिकारी ने बताया।

आयकर विभाग ने अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड, अचल संपत्तियों में किए गए निवेश और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल से जुड़े कई और महत्वपूर्ण दस्तावेज अब अधिकारियों की नजर में हैं, जिनकी पड़ताल जारी है।

आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में भी निजी अस्पतालों और अन्य बड़े संस्थानों पर ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और टैक्स चोरी पर नकेल कसने के लिए विभाग अपनी सर्वे रणनीति को और अधिक मजबूत करने की योजना बना रहा है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS