बिलासपुर। थाना सरकंडा क्षेत्र के जोरापारा में ज़मीन की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर सिद्धांशु मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। आरोपी पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर ज़मीन बेचने और खरीदारों को गलत खसरा नंबर की ज़मीन पर कब्जा दिलाने का आरोप है।
फर्जी दस्तावेज़ के जरिए किया ज़मीन घोटाला

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मामला वर्ष 2010-11 का है, जब सोनिया बाई व अन्य तीन लोगों के नाम पर दर्ज जोरापारा की 56 डिसमिल ज़मीन का मुख्तियारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) सिद्धांशु मिश्रा ने लिया था। इस ज़मीन में से पहले ही विक्रय योग्य भूमि बेची जा चुकी थी, और शेष भूमि पर सड़क व नाली थी, जिसे बेचा नहीं जा सकता था। बावजूद इसके, सिद्धांशु मिश्रा ने तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक से सांठगांठ कर फर्जी 22 बिंदु प्रतिवेदन तैयार कराया और खसरा नंबर 409 की भूमि (जो कि गेंदराम गुप्ता की थी) को बिक्री के लिए दिखाया। इसके बाद ज़मीन खरीदारों को गलत ज़मीन पर कब्जा दिला दिया।
न्यायालय के आदेश पर हुई गिरफ्तारी

इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद न्यायालय के निर्देश पर विशेष पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच कराई गई, जिसमें सिद्धांशु मिश्रा सहित पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने जांच के बाद सिद्धांशु मिश्रा को 10 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे केंद्रीय जेल बिलासपुर भेज दिया गया।

पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर इस मामले की फिर से समीक्षा की गई थी, जिसके बाद मामले की आगे जांच हुई और आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य पाए गए। फिलहाल, पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की तलाश जारी है।

सरकंडा थाने के नगर निरीक्षक निलेश पांडेय ने बताया की मामला 2011 का है । मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बिलासपुर आईपीएस रजनेश सिंह ने मामले की समीक्षा की और पुख्ता सबूत मिले है इस मामले में पटवारी और एक अन्य की संलिप्तता सामने आई है. उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लेगी.कानून सबके लिए बराबर है ।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief