बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद का बीते छह साल से चुनाव नहीं हो पाया है। इसे लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए एक महीने के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। नाराज डिवीजन बेंच ने चुनाव प्रक्रिया के संबंध में शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी है। इसके लिए कोर्ट ने एक सप्ताह की मोहलत दी है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 18 फरवरी की तिथि तय कर दी है।
छत्तीसगढ़ राज्य अधिवक्ता परिषद में प्रदेशभर के 35 हजार के करीब अधिवक्ता पंजीकृत हैं। बीते छह साल से ये अधिवक्ता कौंसिल की चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रहे हैं। चुनाव ना होने के कारण अधिवक्ता वेलफेयर सहित अन्य जरुरी काम भी अटका हुआ है। इसका खामियाजा अधिवक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। शुक्रवार को जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। चीफ जस्टिस ने राज्य शासन,बार कौंसिल आफ इंडिया व छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल के अधिवक्ताओं से पूछा कि कौंसिल का चुनाव कब तक करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में जनरल इलेक्शन अपने समय पर हो जा रहा है और आप लोग हैं कि परिषद का चुनाव नहीं करा पा रहे हैं।

अधिवक्ताओं ने बीते चुनाव में हुए विवाद को देखते हुए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की देखरेख में चुनाव कराने की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि नियम क्या है, नियमों में क्या लिखा है। अधिवक्ताओं ने बताया कि स्टेट बार कौंसिल के सचिव चुनाव प्रक्रिया पूरी कराते हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा सचिव चुनाव प्रक्रिया को पूरी कराएं। चीफ जस्टिस ने कहा कि कौंसिल चुनाव के लिए कौंसिल के सचिव निर्वाचन अधिकारी होंगे। स्टेट बार कौंसिल को चुनावी तैयारी के संबंध में शपथ पत्र के साथ जानकारी देने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है। अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि तय कर दी है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief