बिलासपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार की रात आठ बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात। इस दौरान सीएम ने राज्य पाल को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। नववर्ष के दूसरे दिन सीएम और राज्यपाल की मुलाकात को औपचारिक नहीं कहा जा सकता। इन दिनों में प्रदेश में सिर्फ एक ही बात की चर्चा हो रही है कि आखिरकार साय मंत्रिमंडल का कोरम कब पूरा होगा।
दो मंत्रियों की खाली कुर्सी किसे मिलेगी। सीएम और राज्यपाल की मुलाकात को लेकर एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। राजधानी से लेकर न्यायधानी तक सियासी हलचल के साथ ही इसी अंदाज में राजनीतिक चर्चाओं ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
सीएम का राजभवन जाना और राज्यपाल से मुलाकात के बाद से ही प्रदेश में सत्ता और
विपक्ष के दिग्गजों से लेकर राजनीतिक के जानकारों और कार्यकर्ताओं के बीच बस एक ही विषय पर चर्चा हो रही है। कहीं मंत्रिमंडल का विस्तार तो नहीं। मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सीएम कहीं राज्यपाल से समय लेने तो नहीं गए थे। इन चर्चाओं और अटकलबाजी को इसलिए भी बल मिल रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रवास से पहले ही सत्ता के गलियारे से यह बात छनकर आने लगी थी कि गृहमंत्री के छत्तीसगढ़ से वापस दिल्ली पहुंचने के बाद किसी भी दिन मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। राजनीतिक गलियारों से निकलकर बाहर आ रही चर्चाओं पर गौर करें तो 31 दिसंबर तक दो नए मंत्रियों का शपथ हो जाना था। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह के निधन और राजकीय शो के कारण दो मंत्रियों के शपथ का मामला तकरीबन टल सा गया। अब जबकि राजकीय शोक से देश और प्रदेश उभर गया है,एक बार फिर अटकलबाजी ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। सत्ता व विपक्षी दलोें के प्रमुखाें के जुबान पर इन दिनों दो भाग्यशाली मंत्रियों को लेकर चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसमें साथ निभा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी समर्थकों की लाबिंग अपने अंदाज में तो चल ही रही है।
अमर, मूणत, अजय या फिर कोई और
सीएम के राजभवन पहुंचने और राज्यपाल से मुलाकात के बाद से ही भावी मंत्रियों और उनके दावों को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। दावेदारों में सबसे पहले बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व कद्दावर भाजपा नेता व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का नाम लिया जा रहा है।
दिल्ली के संपर्क सूत्रों और पुराने सियासत के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए मंत्री बनना तकरीबन तय माना जा रहा है। दूसरी कुर्सी के लिए तीन दावेदारों पर नजरें टिकी हुई है। कुरुद केविधायक व तेज तर्रार नेता पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और इसी अंदाज में कामकाज करने वाले विधायक व पूर्व मंत्री राजेश मूणत की दावेदारी को नकारा नहीं जा सकता। संघ पृष्ठभूमि के दुर्ग के विधायक भी गंभीर दावेदार के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं। गजेंद्र की दावेदारी के पीछे संघ पृष्ठभूमि और संघ की पसंद के रूप में सामने आने लगी है।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief