विवाह के लिए तुलसी माता और बारात ले जाने सालिग राम तैयार है
पौराणिक मान्यता हैं कि चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु के निंद्रा में रहने के कारण मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर उनके जाग्रत होने तथा चतुर्मास के समापन के पावन अवसर पर तुलसी माता व शालिग्राम का विवाह संस्कार किया जाता हैं। इस वर्ष बिल्हा में अग्रवाल सेवा समिति व तुलसी विवाह आयोजन समिति के सहयोग से अनिता बजरंग अग्रवाल, सविता विनोद अग्रवाल, सरोज बलदेव अग्रवाल, ज्योति कैलाश अग्रवाल, संगीता मनोज मंगल, निशा ललित अग्रवाल, रश्मि मोहन अग्रवाल सहित 108 जोडो द्वारा एकसाथ सामूहिक रूप से अंचल के भव्य तुलसी माता व सालिग्राम जी के विवाह व एकादसी के उद्यापन मंगलवार 12 व बुधवार 13 नवम्बर को श्री कालूराम शास्त्री जी के मार्गदर्शन में मंगल सांस्कृतिक भवन बिल्हा में संपन्न होने जा रहा हैं।
आयोजन को ऐतिहासिक बनाने हेतु सुरेश मंगल, सीए राजेश अग्रवाल, मनोज मंगल, बलदेव अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, विजय बंसल, ललित अग्रवाल, सोनल अग्रवाल, उमा अग्रवाल, अनिता अग्रवाल सहित श्री अग्रवाल सेवा समिति बिल्हा के समस्त पदाधिकारी तन मन धन से सक्रिय है।