खूबसूरत इंद्रधनुषी छटा मैं महिला पुरुष युवक युवतियां तथा छोटे बच्चों ने भी स्वादिष्ट व्यंजनों का छक कर लिया मजा
बिलासपुर । विज्ञान और आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाए तो आंवले में सारे औषधिय गुणों का समावेश होता है जो मानव शरीर में सप्त धातु का पोषण करते हैं, दूसरी तरफ अगर आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो इस आंवले के पेड़ में मां लक्ष्मी तथा विष्णु जी का वास भी माना जाता है , जिससे आदिकाल से इस वृक्ष के पूजा का विधान चलते आ रहा है। तो इसी कड़ी में आज आंवला नवमी पर्व पर महामाया मन्दिर ट्रस्ट द्वारा एक वृहत आंवला भोज का आयोजन किया गया था।
कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि में आंवले के नीचे बैठकर भोजन करने की परंपरा आदि काल से चली आ रही है इसी क्रम में आज महामाया मंदिर रतनपुर के द्वारा वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार लखनी देवी की तराई में वृहत आंवला भोज का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की तादात में लोग यहां पहुंचे, जहां सबसे पहले श्रद्धालुओं द्वारा आंवले के वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई तथा उसकी परिक्रमा ली गई, और अखंड सौभाग्य की कामना लिए हुए अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की, आंवले की पूजा के पश्चात फिर शुरू हुआ आंवला भोज का सिलसिला, जिसमें महामाया मंदिर ट्रस्ट के द्वारा बरसों से की जा रही आंवला भोज कि इस कड़ी में आज फिर एक बार आंवला भोज के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा।
इस दौरान बड़े-बड़े आंवले के सघन वृक्षों के नीचे बैठकर हजारों की तादात में जनसमूह द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद चखा, इस रंग बिरंगी खूबसूरत इंद्रधनुषी छटा मैं महिला पुरुष युवक युवतियां तथा छोटे बच्चों ने भी स्वादिष्ट व्यंजनों का छक कर मजा लिया, इस तरह से हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचकर आंवला भोज किए और देर शाम तक लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा।
महामाया मन्दिर ट्रष्ट द्वारा वर्षों से चली आ रही इस आंवला भोज की परंपरा को कायम रखते हुए मन्दिर ट्रष्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर व उपाध्यक्ष शतीस शर्मा ने बताया कि महामाया मन्दिर ट्रस्ट द्वारा करीब 18 से 20 वर्षों से आंवला पूजन व आंवला भोज का आयोजन किया जा रहा है जिसमे नगर व आसपास के क्षेत्र के लोगों द्वारा हजारों की तादात में उपस्थित होकर भोजन प्रसाद पाकर तृप्त होते हैं वहीं आंवला पूजन में पहुंची वार्ड क्रमांक 04 की श्रद्धालु लीनु गुप्ता ने बताया कि हमारे सनातन संस्कृति के प्रत्येक पर्व त्योहार में प्रकृति की पूजा होती है उन्ही में से एक पर्व है आंवला नवमी जिसमे आंवले की वृक्ष की पूजा की जाती है जिसमे आज के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी का वास माना जाता है और साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आंवले का फल मानव शरीर को अनेक प्राण घातक रोगों के उपचार में भी कारगर माना जाता है।
उक्त आंवला पूजन व भोज के इस आयोजन में मन्दिर ट्रष्ट के संतोष शुक्ला,रितेश जुनेजा,शैलेन्द्र जायसवाल,आनंद जायसवाल,ऐ पी त्रिपाठी,घनश्याम निषादआदि नगर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए।