वर्धा।महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर हिंदी साहित्य विभाग द्वारा महादेवी वर्मा सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की वैचारिक विकास यात्रा विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय, गढ़वाल श्रीनगर के कुलपति प्रो प्रकाश सिंह ने कहा कि राष्ट्र का बोध जगाने और संगठन को आगे बढ़ाने में पं. दीनदयाल उपाध्याय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार की विकास राजनीति से जातिवादी राजनीति क्रमशः समाप्त हो रही है। एकात्म मानववाद की चर्चा करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि सबके सर्वांगीण विकास का आधार यही दर्शन है, जो पूंजीवाद, उदारवाद और मार्क्सवाद से पूर्णतः भिन्न है। उन्होंने मानव जीवन के संतुलन व्यष्टि से सृष्टि और सृष्टि से परमश्रेष्ठी तक की यात्रा पर विस्तार से विचार रखे।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय केवल राजनेता और चिंतक ही नहीं बल्कि पत्रकार और साहित्यकार भी थे। अपने लेखन से उन्होंने भारतीय जनमानस को वैचारिक रूप से समृद्ध किया। उनके उपन्यास चंद्रगुप्त और शंकराचार्य में एकात्म मानव दर्शन की रचनात्मक झलक मिलती है, जो व्यक्ति, परिवार और समाज की समग्रता को जोड़ते हुए व्यष्टि और समष्टि के भेद को समाप्त करता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत से हुआ। स्वागत एवं प्रास्ताविक भाषण साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार ने किया। संचालन साहित्य विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. अशोकनाथ त्रिपाठी ने किया तथा आभार प्रदर्शन अनुवाद अध्ययन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मीरा निचळे ने किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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