बिलासपुर। नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले आरोपित को विशेष न्यायालय ने सख्त सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पाए गए कार सवार बृजेश कछवाहा (34) निवासी पुराना बस स्टैंड रोड को दस साल सश्रम कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त चार माह कैद भुगतनी होगी।

पूरा मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। पुलिस के अनुसार 24 मार्च 2024 को एसीसीयू और कोटा पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक कार में प्रतिबंधित कफ सिरप लेकर बिलासपुर से लोरमी की ओर जा रहा है। इस पर गनियारी स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसकी कार से 400 शीशी प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद हुई। पुलिस ने जब्ती की कार्रवाई कर आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पुष्पतला मारकण्डे की अदालत में हुई। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संजय नामदेव ने पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए दस साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जांच के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया था कि उसने प्रतिबंधित कफ सिरप मध्यप्रदेश के रीवा से मंगाई थी। इसके लिए वहां से आ रही सब्जी की गाड़ी में कस्टमेटिक सामान बताकर डिब्बे चढ़वाए गए थे। पुलिस की छानबीन में यह तथ्य भी सामने आया कि इस तस्करी में शामिल एक अन्य आरोपी फरार हो गया, जिस पर पुलिस की तलाश जारी है। इधर पुलिस और प्रशासन ने नशे के कारोबार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नशीली दवाओं और मादक पदार्थों की कमाई से खड़ी की गई संपत्तियों की जांच कर सफेमा कोर्ट में प्रतिवेदन पेश किया जा रहा है। आदेश मिलने पर ऐसी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। पुलिस का कहना है कि केवल कैरियर ही नहीं, बल्कि सप्लायर और उपभोक्ताओं तक की पहचान कर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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