सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के मामलों में ई-साक्ष्य ऐप पर डिजिटल साक्ष्य अपलोड करना अनिवार्य
बिलासपुर।नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर बिलासपुर पुलिस लगातार तकनीकी रूप से खुद को सशक्त कर रही है। इसी दिशा में एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर जिले के सभी थानों के विवेचकों को ई-साक्ष्य ऐप के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान ऐप की कार्यप्रणाली, उपयोगिता और साक्ष्य संग्रहण में उसकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।
यह ऐप पुलिस विभाग द्वारा अपराध स्थल की फोटो-वीडियोग्राफी, तलाशी और जब्ती की कार्यवाही को रिकॉर्ड कर डिजिटल फॉर्मेट में साक्ष्य संकलन के लिए तैयार किया गया है। नए आपराधिक कानून (BNS) के तहत दर्ज मामलों में इसका इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है।

प्रशिक्षण सत्र में अधिकारियों को बताया गया कि सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के मामलों में ई-साक्ष्य ऐप पर डिजिटल साक्ष्य अपलोड करना अनिवार्य है। इसके लिए सभी विवेचकों को व्यक्तिगत लॉगिन आईडी उपलब्ध कराई गई है। साथ ही उन्हें यह भी सिखाया गया कि प्रासंगिक साक्ष्य ही रिकॉर्ड किए जाएं ताकि विवेचना में अनावश्यक सूचनाओं की भरमार न हो।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षण के दौरान विवेचकों के मोबाइल पर पहले से अपलोड किए गए वीडियो और साक्ष्यों का अवलोकन किया और सभी को निर्देशित किया कि विवेचना के हर चरण में ई-साक्ष्य ऐप का समुचित उपयोग सुनिश्चित करें। साथ ही थाना प्रभारियों एवं राजपत्रित अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए गए।

इस अवसर पर एएसपी ग्रामीण श्रीमती अर्चना झा ने रतनपुर थाने में पुलिसकर्मियों को ऐप के उपयोग की जानकारी दी और उन्हें बताया कि डिजिटल साक्ष्य कैसे न्यायिक प्रक्रिया में सशक्त सबूत के रूप में काम कर सकते हैं।
बिलासपुर पुलिस की यह पहल न सिर्फ पारदर्शी विवेचना को बढ़ावा देगी, बल्कि न्याय प्रणाली में डिजिटल तकनीक के सफल एकीकरण की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा ।

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