मनेंद्रगढ़ (संवाददाता प्रशांत तिवारी)ग्राम पंचायत बंजी में जोगनी छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच बंजी के बैनर तले एक विशेष सांस्कृतिक एवं भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कला मंच के अध्यक्ष परमेश्वर सिंह ने की, वहीं विशिष्ट उपस्थिति एमएसआर म्यूजिक बंजी के डायरेक्टर चंद्रशेखर की रही। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे छत्तीसगढ़ लोक कलाकार विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रख्यात कबीर भजन सम्राट नवलदास मानिकपुरी एवं सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती अनुसूइया मानिकपुरी जी। जैसे ही दोनों महान कलाकारों का ग्राम बंजी में आगमन हुआ, जोगनी कला मंच के सदस्यों एवं स्थानीय नागरिकों ने फूलमालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। इन दिनों नवलदास मानिकपुरी मनेंद्रगढ़ जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में साप्ताहिक प्रवास पर हैं। जहां वे स्थानीय लोक कलाकारों को मंच, मार्गदर्शन एवं मनोबल देने का कार्य कर रहे हैं। उनका यह प्रयास ग्रामीण संस्कृति के संरक्षण हेतु अत्यंत सराहनीय माना जा रहा है।
गुरु पूर्णिमा पर हुआ भक्ति एवं श्रद्धा का संगम…
इस आयोजन का विशेष अवसर था गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व तथा श्रावण मास की प्रथम तिथि, कार्यक्रम की शुरुआत देवाधिदेव महादेव – गुरुओं के गुरु – भगवान भोलेनाथ जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि, दीप प्रज्ज्वलन एवं आरती से की गई।उपस्थित अतिथियों ने गुरु की महिमा पर अपने विचार प्रकट करते हुए उन्हें जीवन का पथ-प्रदर्शक बताया।
अध्यक्ष परमेश्वर सिंह जी ने कहा- “गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, और ऐसे आयोजनों से हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलता है।”
इसके बाद नवलदास मानिकपुरी जी एवं अनुसूईया मानिकपुरी जी ने अपनी भावपूर्ण भजन प्रस्तुति से समूचे वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
उन्होंने कबीर वाणी पर आधारित भजनों से जीवन के मूल्यों, गुरु के महत्व एवं मानवता का संदेश दिया। भजन प्रस्तुति के दौरान उपस्थित श्रोता समाज भावविभोर हो गए तथा भूरि – भूरि प्रशंसा की।स्थानीय कलाकारों की उम्दा प्रस्तुति ने सजाया मंच... कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों की भागीदारी भी अत्यंत सराहनीय रही, जिसमें ग्राम पाराडोल से रमेश प्रसाद एवं ग्राम बंजी से रामलाल एवं चंद्रशेखर ने भी अपनी सराहनीय प्रस्तुति पेश किया ।
इन प्रस्तुतियों ने यह सिद्ध किया कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में कला की गहरी जड़ें हैं।
इस अवसर पर जोगनी लोक कला मंच के प्रमुख सदस्यगण कन्हैयालाल (संयोजक) नभाग सिंह, मेवालाल, राहुल कुमार, हरिदास, सूर्यकांत, मोहित कुमार तथा श्याम बिहारी दीवान सक्रिय रूप से उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह आयोजन न केवल गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मानित करने का माध्यम बना, बल्कि ग्राम्य कला-संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।
अंत में गायक श्री नवलदास मानिकपुरी एवं श्रीमती अनुसूईया मानिकपुरी तथा सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन और आभार प्रकट कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

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