ग्रामीण रंग पर्यटन संग , मुख्यमंत्री ने कलेक्टर मुरैना को ग्रामीण पर्यटन परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए अतुल्य भारत प्रशंसा प्रमाण–पत्र प्रदान कर सम्मानित किया
मुरैना ।मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में पर्यटन बोर्ड के एमडी शिवशेखर शुक्ला के मार्गदर्शन में ग्रामीण पर्यटन पर एक कार्यक्रम “ग्रामीण रंग पर्यटन संग“ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव थे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी, स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित ग्रामीण रंग पर्यटन संग राज्य स्तरीय उत्सव में मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना, रागिनी फाउंडेशन अध्यक्ष श्रीमती दीपा दीक्षित को पर्यटन मिशन, मध्यप्रदेश के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन परियोजना के सफल क्रियान्वयन में समर्पित सहयोग, दूरदर्शी नेतृत्व और सक्रिय भागीदारी के लिए अतुल्य भारत प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना को इस पहल के सफल क्रियान्वयन में अमूल्य योगदान के लिए शुभकामनाएं दी।
मुरैना जिले के ग्राम मितावली, पढ़ावली, रिठौरा कला में ग्रामीण पर्यटन एवं महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत रागिनी फाउंडेशन विगत कई वर्षों से सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। संस्था द्वारा स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, साफ-सफाई एवं जागरूकता कार्यक्रम भी निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। परियोजना के सफल संचालन में जिला प्रशासन, जिला पुरातत्व विभाग नोडल डॉ. अशोक शर्मा, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय समुदाय का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। सभी संबंधित पक्षों के सहयोग से यह परियोजना न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में भी सकारात्मक भूमिका निभा रही है। आगे भी यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में प्रभावशाली कदम साबित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भरता और आत्म गौरव का प्रभावी माध्यम है। ग्राम स्तर पर पर्यटन गतिविधियों से जहां युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक उन्नति के अवसर उपलब्ध होते हैं, वहीं पर्यटन गतिविधियां, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, तीज-त्यौहार-पर्व और खानपान को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होती हैं। प्रदेश में विकसित हो रहे होम स्टे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के ’अतिथि देवो भवः’ के भाव को चरितार्थ करने का माध्यम बन रहे हैं। होम स्टे संचालनकर्ता और राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश में आने वाले सभी अतिथि प्रदेश के बारे में सकारात्मक छवि और अच्छी स्मृतियां साथ लेकर जाएं।

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