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July 22, 2025 12:37 pm

कलेक्टर की सख्ती पर तखतपुर में आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई: 155 लीटर कच्ची शराब जप्त, ढाबों में अब भी बेखौफ चल रहा शराब का कारोबार

बिलासपुर। आबकारी आयुक्त श्यामलाल धावड़े और कलेक्टर संजय अग्रवाल के सख्त निर्देश के बाद जिला आबकारी विभाग हरकत में आया और तखतपुर इलाके में बड़ी कार्रवाई करते हुए 155 लीटर कच्ची शराब और भारी मात्रा में महुआ लहान जप्त की। इस कार्रवाई में ढनढन निवासी भावेश कुर्रे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं दूसरी ओर जिले के ढाबों में देर रात तक बेखौफ शराब परोसे जाने का सिलसिला जारी है, जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र के ढनढन गांव में लंबे समय से अवैध रूप से शराब बनाई और बेची जा रही थी। ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन कार्रवाई तब हुई जब कलेक्टर ने कड़े निर्देश दिए ।

सहायक जिला आबकारी अधिकारी कल्पना राठौर के नेतृत्व में की गई छापेमारी में 50 प्लास्टिक पाउच (2 लीटर क्षमता), 10 प्लास्टिक पाउच (1 लीटर क्षमता), 3 डिब्बा (15 लीटर क्षमता) में रखी गई कुल 155 लीटर कच्ची महुआ शराब बरामद की गई, साथ ही 570 किलोग्राम महुआ लहान भी जब्त किया गया। आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 59(क) के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

आबकारी विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल

हालांकि, इस कार्रवाई के बाद जिला आबकारी विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या विभाग को केवल कलेक्टर के निर्देश के बाद ही कार्रवाई करनी याद आती है? cbn 36 को स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह यह कार्रवाई हुई, वहां काफी समय से कच्ची शराब का धंधा चल रहा था, लेकिन विभाग आंख मूंदे बैठा रहा।

अभी भी ढाबों में खुलेआम शराब, विभाग खामोश

जिले के विभिन्न क्षेत्रों जैसे रतनपुर रोड, कोटा, तखतपुर और रायपुर रोड के ढाबों में देर रात तक खुलेआम शराब परोसी जा रही है। कुछ ढाबों में तो चोरी-छिपे बिक्री भी हो रही है, लेकिन आबकारी विभाग या तो अनजान बना हुआ है या फिर जानबूझकर नजरअंदाज कर रहा है। कई बार इन ढाबों में शराब के नशे में झगड़े और मारपीट की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, बावजूद इसके इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

सवाल तो उठेगा ढाबों पर कार्रवाई कब

जब कच्ची शराब के खिलाफ इतनी सख्ती बरती जा रही है तो होटल और ढाबों में अवैध शराब परोसने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं क्या आबकारी विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ गांवों तक ही सीमित है ,या फिर शहरों के ढाबों और होटलों को किसी की मेहरबानी है ।

एक तरफ़ जहाँ कलेक्टर के निर्देश पर हो रही कार्रवाई को आमजन जायज़ ठहरा रहे है वही आबकारी विभाग के दोहरे मापदंडों पर अब जनता ही सवाल उठा रही है। कि जवाबदेही तय होगी या नहीं ये आने वाले वक्त में सामने आएगा।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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