छत्तीसगढ़ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ग्रामीण इलाके में ग्रामीणों ने एक भालू से बेरहमी से हत्या कर दी। इसका वीडिया सोशल मीडिया में तेजी के साथ वायरल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वत: संज्ञान लेकर पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। सुनवाई के दौरान नाराज चीफ जस्टिस ने पीसीसीएफ को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। नाराज सीजे ने पूछा कि वाइल्ड लाइफ की सुरक्षा करने में वन विभाग का भारी भरकम अमला क्यों फेल हो रहा है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक भालू के अगले दोनों पैर लोहे के तारों से भारी लकड़ी के तख्ते में बांध दिए गए थे। एक ग्रामीण उसके कान को बेरहमी से खींचता नजर आता है, जबकि दूसरा उसके सिर पर डंडे से लगातार वार कर रहा है। भालू की चीखें वातावरण को भयावह बना रही हैं। वीडियो में यह भी स्पष्ट है कि हमलावरों ने भालू के नाखून उखाड़ दिए और मुंह पर जानलेवा हमला कर उसकी हत्या कर दी।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान वन विभाग पर सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सवाल उठाया, कि आपका सिस्टम कैसा है। इतनी बड़ी घटना हो गई और कोई रोकने वाला नहीं। वाइल्ड लाइफ की सुरक्षा के लिए बनी पूरी व्यवस्था विफल नजर आ रही है।कोर्ट ने इस मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए पीसीसीएफ को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 29 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

प्रधान संपादक