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March 14, 2025 6:59 pm

IAS Coaching

छात्रावासों के सुरक्षा इंतजामों को बेहतर करने बनाई गई कार्ययोजना जिले के छात्रावासों में 4697 आदिवासी बालक बालिकाएं अध्ययनरत


बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिले के आश्रम और छात्रावासों के बेहतर संचालन के लिए जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में छात्रावासों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था, भोजन और अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और छात्रावासों के बेहतर संचालन के विषय में चर्चा की गई।
एडीएम शिव कुमार बनर्जी की उपस्थिति में मंथन में आयोजित बैठक में आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त सीएल जायसवाल ने बैठक में बताया कि जिले में विभाग के अंतर्गत कुल 67 छात्रावास और 17 आश्रम संचालित हैं। इन छात्रावासों का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। छात्रावासों में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। कन्या छात्रावासों में सीसीटीवी के जरिए सतत निगरानी की जा रही है साथ ही सभी कन्या छात्रावासों में महिला होमगार्ड की व्यवस्था है तथा सभी छात्रावास और आश्रमों में बाउंड्रीवाल का निर्माण किया है। उन्होंने बताया कि आश्रमों मंे रहने वाले छात्रों को प्रत्येक माह छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। छात्रावासों में समयसारणी के अनुरूप दैनिक क्रियाकलाप कराये जाते हैं। छात्रावासों में विद्यार्थियों की सभी सुविधाओं का ध्यान रख जा रहा है और खेलकूद सामग्री भी छात्रों को प्रदान की जा रही है।
आयुक्त ने बताया कि आश्रमों में निवासरत छात्रों के लिए प्रतिमाह 1500 रूपए की दर से छात्रवृत्ति दिया जा रहा है जिसमें उन्हें भोजन के साथ गणवेश, स्टेशनरी एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

छात्रावासों की साफ-सफाई के सभी इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आश्रमों में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा अधीक्षकों द्वारा प्रत्येक माह ली जाती है व अधीक्षकों द्वारा स्थानीय स्तर पर भी समिति गठित की गई है। आयुक्त ने बताया कि छात्रावासों में छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विशेष कोचिंग कराई जाती है। समय-समय पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है। नामांकित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर छात्रावासों का निरीक्षण किया जाता है। बैठक में सदस्यों ने छात्रावासों के बेहतर संचालन के लिए अपने सुझाव भी दिए।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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