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December 5, 2025 12:41 pm

केंद्रीय मंत्री बिलासपुर की धरती में बजट का झूठ फैला कर चले गये,छह माह की साय सरकार ने 13 हज़ार करोड़ का ऋण क्यों लिया जनता को बतायें ?? शैलेश पांडेय

*कोरोना काल में जनता को सहायता देना तो छोड़िये,जनता को थाली पीटने की सलाह देते थे मोदी जी,*
*केंद्रीय मंत्री ट्रेन बंदी डीज़ल,पेट्रोल और अधिक जीएसटी और महंगाई पर राहत की बात नहीं किए,क्यों ?
बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि बिलासपुर में केंद्रीय मंत्री,माननीय श्री प्रताप राव जाधव मोदी सरकार के बजट की अफ़वाह फैलाने आये थे और यहीं नहीं उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री मनमोहन सिंह जी के समय छत्तीसगढ़ को दिये गये टैक्स शेयर और अनुदान के बारे में भी झूठ ही बोला और बिलासपुर की जनता को बजट के आँकड़ों से गुमराह करके चले गये। बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में उन्हें बजट की कड़वी सच्चाई से सामना करना पड़ा मगर वे इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि उनका रिमोट तो मोदी ,शाह के पास है ।
श्री पांडेय ने कहा केंद्रीय मंत्री जी अगर मोदी जी की सरकार पर्याप्त पैसा देती तो सरकारों को ऋण नहीं लेना पड़ता,आप ही की सरकार थी जब कोरोना काल में आपने छत्तीसगढ़ की सरकार को उसका हिस्सा यानि टैक्स शेयर और अनुदान नहीं दे पाते थे और सरकार को ऋण लेने की सलाह दिया था जिसके कारण कांग्रेस की सरकार को छत्तीसगढ़ में ऋण लेना पड़ गया था और यही नहीं अभी छत्तीसगढ़ में बीजेपी की साय सरकार है और इस सरकार ने छह महीने में तेरह हज़ार करोड़ का ऋण क्यों लिया,क्योंकि मोदी सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियों के कारण सरकारों को कर्ज लेना पड़ता है।मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता की खून पसीने की कमाई का भी टैक्स शेयर समय पर पूरा नहीं देती है और इसके कारण राज्य सरकारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।
ट्रेनों के परिचालन के लिए केंद्रीय मंत्री कुछ नहीं बोले जबकि चार वर्षों से छत्तीसगढ़ की जनता को ट्रेन बंदी के कारण परेशानियों हो रही है रक्षा बंधन और अन्य त्योहारों के समय अधिक से अधिक ट्रेन बंद करना जनता के साथ सौतेला व्यवहार है,यही नहीं आज की बढ़ी हुई महंगाई पर मोदी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है रुपया लगातार गिर रहा है इस का कारण मोदी सरकार की आर्थिक नीतियाँ ग़लत है जिसका ख़ामियाज़ा देश की जनता को उठाना पड़ता है।
मोदी सरकार में हमेशा छत्तीसगढ़ की जनता के साथ सौतला व्यवहार किया और राज्य सरकार को पूरा पैसा तो छोड़िये,समय पर पैसा कभी नहीं देती थी और यही नहीं किसानों के लिए खाद ,बीज,वारदाना तक पर्याप्त नहीं आता था और बाज़ार से अधिक दाम पर किसानों को खाद और बीज लेना पड़ता है आज भी!! कोयले की रॉयल्टी को लटका के क्यों रखा जाता था और जीएसटी का बकाया पैसा कब कब दिया पिछले पाँच वर्षों में या भी जरा जनता को सही सही बताना था।
रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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