बिलासपुर। जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2023-24 के अंतर्गत आयोजित भर्ती परीक्षा के परिणाम 9 दिसंबर 2025 को घोषित किए जाने के बाद कुछ अभ्यर्थियों द्वारा परिणाम की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि जारी चयन एवं प्रतीक्षा सूची में उनके द्वारा प्राप्त अंकों का उल्लेख नहीं किया गया है।
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थियों के बीच उत्पन्न भ्रम को दूर करने के उद्देश्य से 14 दिसंबर 2025 को पुनः चयन एवं प्रतीक्षा सूची प्रकाशित की गई, जिसमें प्रत्येक अभ्यर्थी के नाम के सामने उनके अर्जित प्राप्तांक स्पष्ट रूप से दर्शाए गए हैं।
दूसरा मुद्दा एक ही अभ्यर्थी के कई जिलों में चयन होने तथा कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के चयन से जुड़ा था, जिस संबंध में नवभारत ई-पेपर में समाचार प्रकाशित हुआ था। इस पर प्रशासन ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी और वर्गवार आरक्षण के आधार पर मेरिट सूची जारी की गई थी।
प्रशासन के अनुसार, अभ्यर्थियों की शिकायतों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर हेल्प डेस्क भी स्थापित किया गया था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों ने एक से अधिक जिलों के लिए परीक्षा दी थी, जिस कारण उनके प्राप्तांकों के आधार पर एक से अधिक जिलों में चयन संभव हुआ। वहीं एसओपी में निहित प्रावधानों के अनुसार होमगार्ड एवं भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों के कारण पात्र अभ्यर्थियों का कम अंक होने के बावजूद चयन हुआ, जबकि सामान्य श्रेणी में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कुछ अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि इन तथ्यों को स्पष्ट किए जाने के बाद अधिकांश अभ्यर्थी संतुष्ट हैं। इसके अतिरिक्त, यदि किसी अभ्यर्थी द्वारा अभी भी कोई शिकायत या जानकारी चाही जा रही है तो उसका निराकरण किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इसी भर्ती प्रक्रिया से संबंधित कुछ अभ्यर्थियों द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिकाएं (दायर की गई थीं, जिन्हें उच्च न्यायालय द्वारा निराकृत कर दिया गया है।
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