बिलासपुर. हाई कोर्ट ने रिटायर शिक्षक की याचिका को खारिज करते हुए प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए बनाये गए नियम व मापदंड को सही ठहराया है.
ई संवर्ग में 1378 प्राचार्य की पदोन्नति 30 अप्रैल 2025 को की गई थी किन्तु न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत 1 मई को अवरोध के कारण पोस्टिंग नही हुआ, डिविज़न बैंच में लम्बी सुनवाई के बाद स्टे हटाया गया इसके बाद सिंगल बैंच में अवरुद्ध हुआ और पूरी सुनवाई के बाद अभी तक फैसला सुरक्षित रखा गया था। आज जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल ने 3 महीने पूर्व 5 अगस्त को सुरक्षित फैसले को शासन के पक्ष में निराकृत कर दिया है, नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका को खारिज कर दिया है, याचिका के कारण 6 माह से पदोन्नति का आदेश पोस्टिंग के लिए अटक गया था।
इस बीच इसी नियम 5 मई 2019 के तहत 30 अप्रैल को साथ साथ पदोन्नत किये गए टी संवर्ग के 1312 प्राचार्य की पदोन्नति पश्चात पोस्टिंग बीते माह 29 अगस्त को कर दिया गया है, दोनो की भर्ती व पदोन्नति एक ही नियम से शासित है व ई/टी दोनो संवर्ग की पदोन्नति प्रक्रिया साथ साथ पूर्ण किया गया है, फिर भी अब तक ई संवर्ग के 1478 प्राचार्य पोस्टिंग का इंतजार कर रहे है।
शिक्षा विभाग में पिछले 10 वर्षों से शा हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है, शिक्षा विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 को 1478 पदों पर प्राचार्य पदोन्नति की गई है किंतु न्यायालयीन अवरोध के कारण अब तक शालाओ में प्राचार्य की पोस्टिंग नही हुई है, 30 अप्रैल के पदोन्नति के बाद अब तक 126 पदोन्नत प्राचार्य सेवानिवृत्त हो चुके व इस महीने भी लगभग 24 प्राचार्य रिटायर होंगे।
शिक्षा विभाग में 80% हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य नही है, ऐसे रिक्त शाला को प्राचार्य पोस्टिंग का इंतजार है, शाला में प्राचार्य पोस्टिंग होने से छात्रो के शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा, संकुल व शाला के शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
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