बिलासपुर विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी पर 11,500 रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कंपनी की लापरवाही के कारण लगाया गया है, जिसमें बिल सुधार में देरी और मीटर रीडिंग सही समय पर दर्ज न करने की शिकायत की गई थी।
सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली नजीमा कुरें ने 17 जुलाई को फोरम में शिकायत दर्ज कराई। इसमें बताया कि 27 मई को उन्होंने नेहरू नगर स्थित कार्यालय में बिजली बिल में सुधार के लिए आवेदन किया था। इस मामले में कंपनी ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, उपभोक्ता के घर में मीटर बदलने के बावजूद पिछले तीन महीनों से रीडिंग दर्ज नहीं हुई, जिससे भविष्य में भारी बिल आने का खतरा बन रहा। इस मामले में फोरम ने सेवा में कमी मानते हुए 17 अक्टूबर को आदेश जारी किया। इसमें स्पष्ट किया कि कंपनी ने पीड़ित की शिकायत दूर करने में 23 दिन की देरी की है। इसलिए कंपनी को प्रति दिन 500 रुपए की दर से कुल 11500 रुपए का भुगतान करने का आदेश जारी किया है।
फोरम ने अपने आदेश में कहा है कि 11,500 रुपए की राशि 30 दिन में उपभोक्ता को चुकाई जाए। देर होने पर 6% ब्याज भी लगेगा। दोषी कर्मचारी से वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाए। उपभोक्ता के घर का सही लोड तय कर ‘बिजली बिल हॉफ योजना’ के तहत जुलाई 2025 तक का बिल दोबारा तैयार किया जाए। गलत रीडिंग लेने वाले मीटर रीडर के खिलाफ कार्रवाई कर फोरम को जानकारी दी जाए।
फोरम ने यह भी कहा है कि अगर उपभोक्ता आदेश से संतुष्ट नहीं है तो 45 दिन के भीतर रायपुर स्थित विद्युत लोकपाल के समक्ष अपील करने की छूट दी है।
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