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October 16, 2025 8:56 am

हाई कोर्ट की पहल का असर , रक्षा मंत्रालय ने 290 एकड़ जमीन की कीमत 46 करोड रुपए की

अब राज्य सरकार के 40 करोड रुपए जमा करने पर 290 एकड़ जमीन एयरपोर्ट विस्तार के लिए मिल जाएगी

नाइट लैंडिंग लाइसेंस और जमीन हस्तांतरण पर राज्य के मुख्य सचिव को नया शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश

बिलासपुर . हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की खंडपीठ में बिलासपुर में हवाई सुविधा विस्तार से संबंधित दो जनहित याचिकाओं पर आगे सुनवाई हुई। गौर तलब है कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने देश के रक्षा सचिव को और राज्य के मुख्य सचिव को एयरपोर्ट विस्तार के लिए 290 एकड़ जमीन के हस्तांतरण में आ रही मूल्यांकन की बाधा को आपस में मिलकर सुलझाने के निर्देश दिए थे ।
आज रक्षा मंत्रालय की ओर से सेना के अधिकारी द्वारा दाखिल शपथ पत्र में यह जानकारी दी गई की हाई कोर्ट के निर्देश के तारतम्य में गत 9 सितंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें देश के रक्षा सचिव और छत्तीसगढ़ की ओर से राजस्व सचिव एवं अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

इस बैठक में रक्षा मंत्रालय ने 290 एकड़ जमीन के बदले में अपनी 71 करोड रुपए की मांग को कम करने की छत्तीसगढ़ सरकार की प्रार्थना स्वीकार कर ली और नया रेट तय करने के बाद जानकारी देने का फैसला लिया। आज हुई सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय की ओर से उपस्थित अप सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा बताया कि रक्षा मंत्रालय ने अब 71 करोड रुपए के बदले 40 करोड रुपए की मांग करने का निर्णय लिया है यह रेट जमीन अधिग्रहण में खर्च की गई राशि और 2014 से आज तक के ब्याज के आधार पर तय किया गया है। अब इस रेट को छत्तीसगढ़ सरकार को स्वीकार कर राशि पटाने पर 290 एकड़ जमीन एयरपोर्ट रनवे और अन्य विस्तार के लिए दे दी जाएगी।

राज्य के नवनियुक्त मुख्य सचिव विकासशील की ओर से दाखिल शपथ पत्र में रक्षा मंत्रालय के साथ बनी सहमति का उल्लेख करते हुए यह जानकारी भी दी गई कि नाइट लैंडिंग हेतु डी वी ओ आर मशीन स्थापना संबंधी सभी कार्य कर लिए गए है और इनका एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा इंस्पेक्शन भी कर लिया गया है। इस स्तर पर याचिका कर्ताओं की ओर से उपस्थित अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव और सुदीप श्रीवास्तव ने सवाल उठाया की अब नाइट लैंडिंग के लाइसेंस के लिए आवेदन और उसके पश्चात डीजीसीए इंस्पेक्शन जैसे कार्य लंबित है जिस पर मुख्य सचिव के शपथ पत्र में कुछ नहीं कहा गया है। इसी तरह आज का कर्ताओं के द्वारा यह बात भी उठाई गई कि रिलायंस और के द्वारा 26 अक्टूबर से सप्ताह में तीन दिन कोई भी उड़ान न होने और दिल्ली की उड़ान 6 दिन की जगह अब केवल तीन दिन करने का एक तरफा फैसला ले लिया गया है जबकि 13 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई के दौरान यहां हाई कोर्ट में यह बात रिलायंस शेयर के द्वारा कही गई थी के पूर्व वध यानी सप्ताह के सातों दिन बिलासपुर एयरपोर्ट पर उड़ने जारी रहेगी। याचिका करता के अधिवक्ताओं के द्वारा यह भी बताया गया कि वर्तमान में चल रही उड़ने राज्य सरकार के सहयोग से चल रही हैं जिसमें राज्य सरकार के द्वारा सब्सिडी दिया जाना शामिल है ऐसे में राज्य सरकार को जानकारी दिए बगैर एकतरफा उड़ानों को कम करना पूरी तरह गलत है।

सुनवाई के बाद खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव और अलायंस एयर को इन विषयों पर भी शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई अब 7 नवंबर को होगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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