बिलासपुर। हाई कोर्ट ने 2621 बर्खास्त बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षकों को राहत देते हुए समायोजन के खिलाफ दायर याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इन शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर राज्य सरकार ने समायोजित करने का निर्णय लिया है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच ने कहा कि सरकार का फैसला गैरकानूनी या मनमाना नहीं है।
जांजगीर-चांपा निवासी संजय कुमार और मुंगेली निवासी विजय कश्यप ने अप्रैल 2025 में लिए गए कैबिनेट के निर्णय को चुनौती दी थी। याचिका में कहा था कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक और प्रशासनिक कैडर) भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद 100 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाने हैं। लेकिन सरकार ने इन पदों पर बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित कर नियमों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा कहा कि इन शिक्षकों को गणित व विज्ञान में हायर सेकेंडरी पास करने के लिए 3 साल का अतिरिक्त समय देना गलत है। उन्होंने मांग की थी कि इन पदों पर पारदर्शी तरीके से सीधी भर्ती की जाए, ताकि उनकी
नियुक्ति की संभावना प्रभावित न हो। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कैबिनेट ने 4422 रिक्त पदों में से 2621 बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया, जो अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट के आदेश से बर्खास्त हुए थे। ये शिक्षक बीएड धारक थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डीएड योग्यता जरूरी होने से उनकी सेवाएं समाप्त हुई। वहीं, बर्खास्त शिक्षकों की ओर से कहा गया कि वे बिना किसी गलती के बर्खास्त हुए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

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