Explore

Search

October 16, 2025 1:09 pm

हाई कोर्ट ने कहा, यह उपभोक्ता अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, गैस एजेंसी पर जुर्माने का आदेश रखा बरकरार

बिलासपुर। एलपीजी सिलेंडर के लिए ओवर चार्जिंग और गैस के दुरुपयोग के मामले में हाई कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट और अपीलीय अदालत द्वारा एजेंसी पर जुर्माने के आदेश को बरकरार रखा है। घरेलू एलपीजी गैस के दुरुपयोग, ग्राहकों से ओवर चार्जिंग और होम डिलीवरी में लापरवाही के लिए एजेंसी पर 50,854 का जुर्माना लगाया गया था।
पेंड्रा स्थित पायल गैस एजेंसी के खिलाफ उपभोक्ताओं की शिकायतें मिली थीं। खाद्य निरीक्षक ने जांच किया तो वितरक पर कई गंभीर आरोप सही पाए गए। उपभोक्ताओं से 306.05 के बजाय 307 रुपये वसूले गए। इसके अलावा ग्राहक के खुद सिलेंडर लेने के लिए जाने पर 8 रुपए का वैधानिक डिस्काउंट नहीं दिया जाता था। होम डिलीवरी के पैसे लेने के बावजूद सिलेंडरों को घर तक नहीं पहुंचाया जाता था। गैस रिफिल 21 दिन के बजाय 45 से 70 दिनों की लंबी देरी से दिए जाते थे। वहीं, एजेंट अपनी डिलीवरी ऑटो को चलाने के लिए नियमों के खिलाफ 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहा था। शिकायत की जांच के बाद खाद्य विभाग ने एजेंसी पर 50 854 रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी।
सुनवाई जस्टिस राधाकिन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हाई कोर्ट ने माना कि गवाहों बयान से आरोप सही साबित हैं। उपभोक्ताओं ने कोर्ट में बत कि उन्हें समय पर गैस नहीं मिल बुक में गलत एंट्री की गई, डिलीवरी नहीं हुई। उन्हें 8 रुपए डिस्काउंट भी नहीं दिया गया। आधार पर हाई कोर्ट ने पाया कि सभी काम आवश्यक क अधिनियम, 1955 के त दंडनीय हैं। हाई कोर्ट ने कहा ओवर चार्जिंग और गैस का व्यावसायिक उपयोग उपभोक्ता अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इन सभी सबूतों के आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS